शहडोल के बाद अनूपपुर में कांग्रेस का खेला,संगठन के गलत निर्णयों से गये भाजपा के दो निकाय


अनूपपुर के कोतमा, बिजुरी व बरगवां में कांग्रेस बढ़त में
अनूपपुर। 13 और 14 अक्टूबर को पड़ोस के शहडोल जिले में हुए तीन नगरीय निकायों के चुनावों में कांग्रेस ने दो पर कब्जा कर लिया है, वहीं तीसरे निकाय के उपाध्यक्ष की सीट भी कांग्रेस ने भाजपा से छीन ली है, भाजपा संगठन की गलत नीतियों का खामियाजा पार्टी को अपना गढ़ देकर चुकाना पड़ा, शहडोल के बाद अब आगामी 17 अक्टूबर को अनूपपुर के कोतमा, बिजुरी और बरगवां अमलाई में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव होने हैं, कोतमा में भाजपा जब पार्टी के जिलाध्यक्ष के वार्ड में चुनाव हार गई, बीते दिनों भाजपा के निर्वाचित पार्षद कांग्रेस में शामिल हो गया। वहीं बरगवां में भी भाजपा संगठन की गलत नीतियों के कारण कोतमा के साथ यहां का निकाय भी अब कांग्रेस की झोली में जाता नजर आ रहा है। इधर कांग्रेस के कोतमा से वर्तमान और पूर्व विधायक ने बिजुरी पर पूरा ध्यान केन्द्रित कर लिया है। यदि संगठन ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की टिकट को लेकर पार्षदों की उपेक्षा करके मनमानी की तो, शहडोल और जयसिंहनगर की कहानी जिले के तीनों निकायों में दोहराई जा सकती है।
मंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर
जिले के बरगवां-अमलाई निकाय के प्रथम चुनाव व प्रथम परिषद का गठन 17 को होना है, हालाकि की पार्टी ने अभी यहां की स्थिति स्पष्ट नहीं की है, लेकिन बरगवां में भारतीय जनता पार्टी के दो धड़े नजर आ रहे हैं, भाजपा के जिलाध्यक्ष और उनके करीबी प्रदेश संगठन से पहले ही यहां अध्यक्ष, उपाध्यक्ष की घोषणा कर चुके हैं, उनका यह भी कहना है कि अनूपपुर और भोपाल से नियुक्त पयर्वेक्षक केवल औपचारिकता ही हैं, हालाकि मंत्री की व्यस्तता के कारण यहां उनके खास सिपहसालार मोर्चा सम्हाले हुए हैं। मंत्री की विधानसभा क्षेत्र की परिषद होने के कारण यहां उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है।
आत्मविश्वास से लबरेज कांग्रेस
नगर परिषद बरगवां में भले ही 15 सीटों में से कांग्रेस 5 सीटों पर जीत कर सामने आई है, लेकिन दो गुटों में बटी भाजपा से मिल रहे आंतरिक समर्थन से कांग्रेस आत्मविश्वास से लबरेज नजर आ रही है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि शहडोल की पुर्नावृत्ति बरगवां-अमलाई में भी दोहराई जाये, चुनाव से ठीक पहले पद लेकर मैदान में कूदे धनकुबेर कांग्रेस की बैसाखियों के सहारे वैतरणी पार करने की जुगत में है, लेकिन कैबिनेट मंत्री इस पक्ष में शायद बिल्कुल नहीं है। भाजपा के इसी गुटबाजी और टिकट आवंटन से पहले ही काल्पनिक तरीके से बनाये गये माहौल के कारण पार्टी के दिग्गज नेता हासिए पर नजर आ रहे हैं और दूसरा गु्रप कांग्रेस के साथ मिलकर नई जुगत में लगा हुआ है।

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