बृजमोहन ने मुख्यमंत्री भुपेश बघेल को लिखा पत्र- कहा, प्रदेश के बाहर व राज्य के अन्य जिलों में फंसे नागरिकों को अपने घर तक आने की अनुमति दे सरकार।


रायपुर,पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर प्रदेश के विभिन्न जिलों व राज्यों के प्रवास के दौरान लॉग डाउन में फंसे लोगों को अपने घर तक आने की अनुमत देने की बात कही है। उन्होंने विशेष रूप से उच्च शिक्षा के लिए अन्य राज्यों के शहरों में पढ़ रहे प्रदेश के विद्यार्थियों तथा रोजगार के लिए गए मजदूरों को शीघ्र सहायता दिए जाने का आग्रह किया है।
अपने लिखे पत्र में बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सबके सम्मिलित प्रयासों से छत्तीसगढ़ प्रदेश में कोरोना का संक्रमण नियंत्रित है। इस कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं उपचार हेतु देशव्यापी लॉक डाउन होने के पूर्व प्रदेश के अनेक लोग रोजगार व निजी कार्य से विभिन्न शहरों व प्रदेश के बाहर गए हुए थे तथा वहीं फंस कर रह गए हैं। ऐसे प्रभावित लोगों के लिए ई पास की प्रक्रिया को सरल बनाया जाना चाहिए तथा उन्हें प्रदेश के एक जिले से प्रदेश की ही दूसरे( गृह ) जिले में स्वयं के वाहन से जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। साथ ही कहा कि प्रदेश के निवासी जो विभिन्न राज्यों में फंसे हैं को भी उनके निज निवास तक स्वयं के वाहन से आने की अनुमति प्रदान की जानी चाहिए।
बृजमोहन ने लिखा है कि प्रत्येक राज्यों के लिए अलग-अलग नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए जो अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ कि लोगों को भोजन एवं रहने की उचित व्यवस्था कराये तथा श्रमिकों को अंतरिम राहत हेतु 1-1 हज़ार रुपये उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि राज्य की सीमाओं पर क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाकर, स्क्रीनिंग व सेंपलिंग कर प्रदेश के निवासियों को अपने राज्य के भीतर सुरक्षित प्रवेश दिया जा सकता है।
बृजमोहन ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के अनेक विद्यार्थी शैक्षणिक प्रयोजन हेतु कोटा राजस्थान, खड़गपुर पश्चिम बंगाल व अन्य राज्यों के शहरों में रह रहे हैं। लॉक डाउन प्रभावी होने के साथ ही शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने के कारण वे तथा उनके अभिभावक अत्यंत चिंतित है। प्रदेश के ऐसे विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ वापस लाने हेतु कार्ययोजना बनाए जाने की आवश्यकता है इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
बृजमोहन ने मुख्यमंत्री से कहा कि आप स्वयं संज्ञान लेंगे तो पाएंगे कि प्रदेश के अंदर एक जिले से दूसरे जिले में जाने की अनुमति की प्रक्रिया तक काफी जटिल है।

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