नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कुपोषण को भगाने का कर रहीं है हर प्रयास, घर-घर बांट रही सूखा राशन
कोण्डागांव, कुछ लोग विषम परिस्थितियों से हार कर बैठ जाते हैं कुछ तूफानों में भी मन के दिये जलाकर पूरे जग अपने प्रयासों से रौशन कर जाते हैं। इसी प्रकार अतिवादी ताकतों के गढ़ में बसे विकासखण्ड कोण्डागांव के ग्राम कडे़नार के आंगनबाड़ी केंद्र चिकपाल में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रजबती बघेल ने अपने कृतसंकल्पता का प्रदर्शन किया। विगत दिनों जारी देशव्यापी लॉक डाउन में भी यह निरंतर अपने कार्य में प्रयत्नशील रही और मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत जलाए गए सुपोषण के दीप को विकट परिस्थितियों में भी लगातार जलाए रखा। लॉक डाउन को देखते हुए सुपोषण अभियान रूपी रथ जो अनवरत पिछले 2 वर्षों से वायु वेग से चल रहा था। उंसके थम जाने का सभी को आशंका थी परन्तु राज्य शासन के 2 महीने के सूखे राशन के वितरण के फैसले से सभी को उम्मीद की किरण नजर आयी परन्तु यह सुदूर वनांचलों नक्सल प्रभाव के बीच बसे गांवों में संभव हो पाना अत्यंत कठिन कार्य था। ऐसे में कलेक्टर नीलकण्ठ टीकाम के मार्गदर्शन एवं जिला प्रशासन के सहयोग से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रजबती बघेल ने गांव के सामाजिक कार्यकर्ता एवं नावा बेस्ट नार्र के नोडल अधिकारी प्रकाश बागड़े के साथ मिलकर कृतसंकल्पित हो इस कठिन कार्य को संभव कर दिखाया। इसके तहत सभी गम्भीर कुपोषित बच्चों एवं 15 से 49 वर्ष की एनिमिक महिलाओं को सुखा राशन घर-घर जा कर कार्यकर्ता द्वारा पहुंचाया गया और साथ मे कोरोना वायरस के संबंध में सावधानियां बताते हुए पोस्टर भी दिए। इस दौरान प्रकाश बागड़े द्वारा लोगो को राशन देने से पूर्व उनके हाँथो को धुलवाया गया और उन्हें कोविड-19 की समस्त जानकारी दी गयी।