एसएसएम माह में भी होगी कुपोषित बच्चों की पहचान
रायपुर/बिरगांव 13 सितंबर 2022, बच्चों के सम्पूर्ण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने के उद्देश्य से शिशु संरक्षण माह की शुरुआत की गई है। माह भर चलने वाले शिशु संरक्षण माह (एसएसएम) का शुभारंभ विधायक सत्यनारायण शर्मा के द्वारा किया गया। इस मौके पर विधायक द्वारा भनपुरी के हमर अस्पताल में बच्चों को विटामिन-ए सिरप और आईएफए (आयरन फोलिक एसिड) पिलाई गई।
इस सम्बन्ध में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.प्रणव वर्मा ने बताया, “इस अभियान के दौरान जिले के 9 माह से 5 वर्ष तक के अनुमानित 2.72 लाख बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाई जाएगी। साथ ही 6 माह से 5 वर्ष के बच्चों को आईएफए (आयरन फोलिक एसिड) सिरप पिलाने का अनुमानित लक्ष्य 2.91 लाख रखा गया है। इसके लिए शिशु संरक्षण (एसएसएम) को 10 सत्रों में आयोजित किया जाएगा। जोकि प्रत्येक मंगलवार एवं शुक्रवार को होगा।“
जिला टीकाकरण अधिकारी ने सभी पालकों से अनुरोध किया है कि वह 13 सितंबर से 14 अक्टूबर तक चलने वाले शिशु संरक्षण माह के दौरान 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को सत्र स्थल पर लेकर अवश्य पहुंचे। साथ ही एएनएम और मितानिन को भी इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है। सत्र स्थल पर किसी बच्चे का वजन मानक वजन से कम होने की स्थिति में उसको तुरंत पोषण पुनर्वास केंद्र भेजकर सुपोषित करने का कार्य किया जाएगा।
इस अवसर पर जिला कार्यालय से डीके बंजारे सांख्यिकी अधिकारी, जिला मीडिया प्रभारी गजेन्द्र डोंगरे, शहरी कार्यक्रम प्रबंधक अंशुल थुदगर, स्वतंत्र राहंगडाले, राज यदु , एवं न्यूट्रिशन इंटरनेशनल के आशीष सिंह, यूपीएचसी के समस्त स्टाफ एवं क्षेत्र मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, उपस्थित रहीं।
इन तिथियों पर आयोजित होंगे सत्र
दस सत्रों के लिये चलने वाला यह अभियान, 13 सितंबर, 16 सितंबर, 20 सितंबर, 23 सितंबर, 27 सितंबर, 30 सितंबर, 04 अक्टूबर, 07 अक्टूबर, 11 अक्टूबर, 14 अक्टूबर, को ऑगनबाड़ी केन्द्र पर कोविड नियमों के पालन करते हुए संचालित किया जाएगा।
क्यों जरूरी है विटामिन ए और आईएफए सिरप
विटामिन ए से भरपूर भोजन का नियमित सेवन हमारे शरीर के समुचित कार्य और विकास में मदद करता है, जो हमारी त्वचा, आंखों और दांतों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। विटामिन ए हड्डियों के विकास को बढ़ावा देता है। बीमारियों से लड़ता है और रोग प्रतिरोधक प्रणाली को भी मजबूत बनाता है। इसके अलावा यह शिशु को संक्रमण से लड़ने, नेत्रों की रोशनी को स्वस्थ रखने, और मजबूत दांत पाने में मदद करता है। वहीं आईएफए शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर सही रखता है| हिमोग्लोबिन के लिए शरीर में आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन सी, प्रोटीन और विटामिन बी 12 की मात्रा ठीक होनी चाहिए। ये शरीर के जरूरी तत्व हैं और इनमें से किसी को भी शरीर खुद नहीं बना सकता। अगर भोजन में इनमें से किसी भी तत्व की कमी हो तो शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो जाता है और शरीर में पीलापन आ जाता है। इन सब कमी को दूर करने के लिए आईएफए बच्चों को दिया जाता है, ताकि बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता और शरीर में हुए विटामिन की कमी को पूरा किया जाए।