*छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर मात्र 0.4 प्रतिशत जबकि देश में 8.3 प्रतिशत*
रायपुर/01 सितंबर 2022। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि अयोग्य और निकम्मी मोदी सरकार के कारण देश में 45 साल की बेरोजगारी का रिकॉर्ड टूट चुका है। जबकि कांग्रेस की भूपेश सरकार के कुशल नीतियों के कारण छत्तीसगढ़ राज्य में शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के भीतर हर रोज नये रोजगार सृजित हो रहे हैं। CMIE के ताजा अगस्त में जारी आंकड़ो के अनुसार देश में बेरोजगारी दर 8.3 प्रतिशत के विस्फोटक स्तर तक पहुंच चुकी है। जबकि दूसरी ओर कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर केवल 0.4 प्रतिशत है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी के अनुसार पिछले 5 सालों में नौकरी ना मिलने से निराश होकर 45 करोड़ लोगों ने नौकरी तलाशना ही छोड़ दिया है। हाल ही में संसद में खुद केंद्र सरकार ने बताया कि पिछले 8 सालों में 22.5 करोड़ युवाओं ने नौकरी के लिए फॉर्म भरे जिसमें से मात्र 7 लाख लोगों को नौकरी मिल पाई। हर साल दो करोड़ रोजगार देने की बात कह कर सत्ता में आई मोदी सरकार हर साल करोड़ों लोगों को बेरोजगार बना रही है। मोदी सरकार के निकम्मेपन का शिकार हुए 23 करोड लोग देश में बेरोजगार हो चुके हैं।मोदी सरकार की गलत नीतियों का प्रभाव हर सेक्टर में दिख रहा है। सरकारी कंपनियों का लगातार निजीकरण हो रहा है और प्राइवेट सेक्टर कंपनियों पर लगातार ताला लगते जा रहा है। सेना बैंक और रेलवे इत्यादि बड़े पैमाने पर रोजगार देते हैं मगर इन सभी विभागों पर निजीकरण का संकट मंडरा रहा है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने रिसर्च बुलेटिन में सरकार को आगाह किया था कि बैंकों का निजीकरण अर्थव्यवस्था में तबाही ला सकता है, लेकिन मोदी सरकार के दबाव के कारण 24 घंटे के भीतर आरबीआई को अपना यह बयान वापस लेना पड़ा। मोदी सरकार कि तानाशाही और आत्ममुग्धता देश को बर्बादी की ओर ले जा रही है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी का दोहरा दंश झेल रही जनता दिन-ब-दिन गरीब होते जा रही है और मोदी सरकार के साथी उद्योगपति हर दिन संपत्ति मे इजाफे का रिकॉर्ड बना रहे हैं।यूपीए सरकार के समय 2004 से 2014 के बीच 27 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए थे।मोदी सरकार ने 2021 तक 23 करोड़ लोगों को फिर से गरीबी के अंधेरे में धकेल दिया। जनता में व्याप्त निराशा देश के खतरनाक भविष्य की ओर इशारा कर रहा है। मोदी सरकार को चाहिए कि भूपेश सरकार की रोजगार मूलक कार्यों और नवाचारी नीतियों से सीख लेकर काम करें।