रायपुर। कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन का निर्देश कि लॉकडाउन की परिस्थितियों में कोई इंसान भूखा ना रहे और ऐसा फूड चैन निर्मित हो कि सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए हर दहलीज तक भोजन पहुंचे, रायपुर के सभी सामाजिक संगठनों के साथ रायपुर जिला प्रशासन के अधिकारियों, कर्मचारियों ने मिलकर एक ऐसी श्रृंखला स्थापित कर दी कि 25 मार्च से आज तक शहर के ढाई लाख लोगों तक दोनों टाइम का खाना नियमित पहुंचा है। इस सेल के संचालन के लिए जिला प्रशासन ने रायपुर स्मार्ट सिटी लि. के दफ्तर को चुना, जहां एमडी श्री सौरभ कुमार ने हाईटेक सुविधाओं के साथ जरूरतमंदो के लिए अपने दफ्तर के सारे दरवाजे खोल दिए। बूढ़ातालाब स्थित इस दफ्तर से ही इस समय रायपुर जिले का आपातकालीन खान-पान सेवा केंद्र 24 घंटे काम कर रहा है। इस कंट्रोल सेल को संभालने की जिम्मेदारी उठा रहे हैं रायपुर जिला पंचायत के सीईओ डाॅ. गौरव कुमार सिंह।
कड़ी से कड़ी जुड़कर, दौड़ती है फूड कंट्रोल रूम की चैन
इस फ़ूड कंट्रोल रूम में कई कड़ियां हैं, जो एक-दूसरे से जुड़कर अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही हैं। जी हां, फूड कंट्रोल रूम के दरवाजे 24 घंटे खुले रहते हैं और बजती फोन की घंटियों को उठाने के लिए देर रात तक ड्यूटी ऑफिसर और ग्रीन आर्मी व खालसा रिलीफ फाउंडेशन के सदस्य हर समय मुस्तैद रहते हैं। प्रशासन ने नागरिकों की जरूरतों की जानकारियां लेने के लिए दो हेल्पलाइन 0771-4320202 और 4055574 जारी किए हैं। जिसमें एक आईटीएमएस के वॉर रूम से संचालित है और दूसरा फूड कंट्रोल सेल से। आईटीएमएस वॉर रूम से संचालित नंबर पर आने वाली सभी काॅल्स की जानकारी आॅनलाइन साइट में अपलोड कर दी जाती है, जिन्हें फूड कंट्रोल रूम में बैठी टीम दर्ज करती है और जरूरतमंदों की जानकारी डिलीवरी पॉइंट पर फॉरवर्ड करती है।
डिलीवरी पॉइंट टीम तुरंत 8 स्थानों पर खड़े अपने स्पेशल वाहनों पर नियुक्त सदस्यों को इसकी सूचना देती है। ये वाहन उन स्थानों के आस-पास होते हैं, जहां सर्वाधिक जरूरतमंद या सामाजिक संगठन के भोजन तैयार करने के लिए स्थान निर्धारित किया गया है। इन वाहनों में तैनात एनजीओ के सदस्यों को जैसे ही जरूरतमंदों की जानकारी मिलती है वे तयशुदा रूट पर अपनी गाड़ियां जल्द से जल्द जरूरतमंद के घर तक पहुंचने के लिए दौड़ा देते हैं। हर पॉइंट से भोजन डिलीवरी का अपडेट कंट्रोल रूम को करने का काम भी यही टीम करती है। इस टीम में 16 सदस्य तैनात रहते हैं। यह टीम ऐसे लोगों की जानकारी भी कंट्रोल रूम को उपलब्ध कराती है जो किसी मोहल्ले सड़क किनारे गुजर-बसर कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन तक अपनी जरूरतें पहुंचने में सक्षम नहीं हैं। दोनों टाइम खाने की संपूर्ण व्यवस्था को पूरा करने के बाद जब सभी टीमें वापस लौटती हैं, तो फिर जिला प्रशासन की स्पेशल टास्क के लिए बनी “रैपिड रिस्पांस टीम” 50 लोगों का भोजन लेकर पूरे शहर की परिक्रमा में निकलती है और राह चलते या सड़क पर गुजरते लोगों को रोककर घरों पर रहने की अपील करते हुए भोजन की जरूरतों की जानकारी लेती है। यदि इसके बाद भी जरूरतमंद मिलते हैं, तो देर रात तक भोजन उपलब्ध कराने का काम भी यह स्पेशल टीम करती है।