ग्रामीण अर्थव्यवस्था की संजीवनी बनी मनरेगा

लॉक-डाउन के दौर में बिलासपुर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 32 हजार से अधिक ग्रामीणों को रोजगार

रायपुर. वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते लॉक-डाउन के दौर में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी साबित हो रही है। मनरेगा कार्य शुरू होने से ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार मिल रहा है। इससे गांवों की अर्थव्यवस्था को भी गति मिल रही है। शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्यस्थलों पर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के सभी उपायों के साथ ही शारीरिक दूरी और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन सुनिश्चित कराया जा रहा है। बिलासपुर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में विभिन्न मनरेगा कार्यों में इन दिनों 32 हजार 841 मजदूर काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव के निर्देश पर ग्राम पंचायतों में व्यापक संख्या में मनरेगा कार्य शुरू कराए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत जल संरक्षण, सिंचाई विस्तार, जल संचय, सिंचाई कूप, व्यक्तिगत एवं सामुदायिक चेकडैम, डबरी निर्माण और पशुपालन शेड के काम प्रमुखता से स्वीकृत किए जा रहे हैं। निर्माण कार्यों के दौरान किसी भी स्थिति में एक ही स्थान पर श्रमिकों का जमावड़ा न हो, इसका विशेष ध्यान रखने कहा गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सभी कार्यस्थलों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों और कोविड-19 के नियंत्रण के सभी मानकों का पालन करते हुए कार्य संपादित करने के निर्देश दिए हैं। सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, कार्यक्रम अधिकारी एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अनुविभागीय अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि सरपंचों, सचिवों तथा ग्राम रोजगार सहायकों से नियमित संपर्क कर मनरेगा कार्यों और मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ाई जाए।

मनरेगा के तहत अभी बिलासपुर जिले की 273 ग्राम पंचायतों में 835 कार्य संचालित हैं। इससे 20 हजार 957 श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है। बिल्हा जनपद पंचायत के 89 ग्राम पंचायतों में 228 कार्य, कोटा के 54 ग्राम पंचायतों में 294, मस्तूरी के 68 ग्राम पंचायतों में 159 और तखतपुर के 62 ग्राम पंचायतों में 154 कार्य प्रगति पर हैं। बिल्हा जनपद पंचायत में 5612, कोटा में 3898, मस्तूरी में 3842 तथा तखतपुर में 7605 मजदूर इन कार्यों में संलग्न हैं।

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले की 131 ग्राम पंचायतों में 672 कार्य चल रहे हैं। इनमें 11,884 मजदूर कार्यरत हैं। गौरेला जनपद पंचायत के 41 ग्राम पंचायतों में 156 कार्य, पेंड्रा के 30 ग्राम पंचायतों में 185 और मरवाही के 60 ग्राम पंचायतों में 331 कार्य संचालित हैं। बिल्हा जनपद पंचायत के 3154, पेंड्रा के 3812 एवं मरवाही के 4918 श्रमिकों को इन दिनों विभिन्न मनरेगा कार्यों से रोजगार मिला हुआ है।

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