कोरबा, 29 जुलाई 2022 । टीबी रोगी खोज अभियान के तहत कारखाने, दफ्तर, गांव व शहरी इलाकों में जाकर टीबी रोगियों की खोज की जा रही है और अधिक से अधिक संभावित लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। स्क्रीनिंग में संभावित मरीजों की टीबी जांच भी कराई जा रही है। इसी क्रम में 28 मई 2022 से 10 जुलाई 2022 तक कुल 1,844 संभावित लोगों की जांच की गई, जिसमें 79 टीबी रोगियों की पहचान हुई है। जिनका इलाज सरकारी अस्पताल में शुरू हो गया है।
घर-घर टीबी जांच अभियान के तहत जिला टीबी नियंत्रण टीम के सदस्यों, मितानिन एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता टीबी की जांच कर रहे हैं। जांच में पॉजिटिव आने वाले मरीजों को निशुल्क उपचार भी उपलब्ध करवाया जा रहा है ।
इस संबंध में जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ. जी.एस. जात्रा ने बताया: “अभियान के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर टीबी खोज सर्वे भी कर रहे है, साथ ही जिसमें लक्षण नजर आ रहे है उनकी जांच भी कराई जा रही है । अभियान के तहत जन-जागरूकता को विशेष महत्व देते हुए टीबी के संभावित मरीजों की जांच एवं उपचार के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी कार्यक्रम में शामिल कर उनका सहयोग लिया जा रहा है।“
घबराएं नहीं कराएं टीबी का इलाज- जिला कार्यक्रम समन्वयक प्रवेश कुमार खूंटे ने बताया: “प्रदेश को वर्ष 2023 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत टीबी रोगियों की सघन खोज कर उनको उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले के सभी ब्लॉक में 25 मई 2022 से सर्वे किया गया। इस अभियान के तहत 1800 से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की गई है।
स्क्रीनिंग में 1,844 मरीज संभावित मिले थे, जिनकी टीबी जांच की गई। जांच में 78 मरीजों में टीबी की पहचान हुई । जिनका इलाज शुरू कर दिया गया है। इस तरह कुल जनसंख्या का 86 प्रतिशत हमने कवर कर लिया है। सर्वे के साथ ही लोगों को जानकारी भी दी जा रही है कि लक्षण दिखने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर टीबी की नि:शुल्क जांच कराएं।
टीबी की पुष्टि होने पर सरकार की तरफ से न केवल नि:शुल्क उपचार किया जाता है, बल्कि उपचार जारी रहने के दौरान बेहतर पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत राशि का भुगतान रोगी के बैंक खाते में किया जाता है। “
अभियान में सहयोग की अपील – स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीबी खोजी अभियान में सहयोग करने की अपील की जा रही है। साथ ही सीने में दर्द होना, चक्कर आना, दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या बुखार आना, खांसी के साथ मुंह से खून आना, भूख में कमीं और वजन कम होना आदि लक्षण दिखने पर फौरन चिकित्सक से संपर्क कर टीबी की जांच कराने के लिए भी लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। सर्वे दल के सदस्य जन सामान्य को माइकिंग, पंपलेट, के माध्यम से भी टीबी से बचाव के लिए जागरूक भी कर रहे है ।