रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य के गरीब परिवारों को दो माह का एक मुश्त चावल मुफ्त देने के निर्णय से गरीब परिवारों का मनोबल बढ़ा है। कोरोना महामारी से सुरक्षा के लिए लॉकडाउन के दौरान दो माह का एक मुश्त निःशुल्क चावल पाकर नारायणपुर की बुर्जुग महिला श्रीमती मुसरे बाई और श्रीमती मनाय को बड़ी राहत मिली है। इन दोनों आदिवासी बुजुर्ग महिला मुसरे बाई और मनाय को राशन के लिए किसी का मोहताज नहीं होना पडे़गा। सरकार ने इनके भोजन की व्यवस्था कर दी है। दोनों बुजुर्ग महिलाओं ने दोनों हाथ ऊपर उठाकर मुख्यमंत्री का शुक्रिया अदा किया और उन्हें आशीर्वाद दिया। राज्य शासन द्वारा लॉकडाउन लागू होने के बाद जरूरतमंद, गरीब, असहाय लोगों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत निःशुल्क राशन उपलब्ध कराया।
श्रीमती मनाय पति रैजूराम नक्सल प्रभावित विकासखंड ओरछा के नक्सल हिंसा ग्रस्त गांव गोमे की निवासी है। राशन कार्ड भी इसी गांव का है। श्रीमती मुसरे पति माहरू का राशनकार्ड में पता नारायणपुर का था। इन दोनों बुजुर्ग महिलाओं ने अपनी बोली माड़िया, गोड़ी बोली में बात करते हुए राशन कार्ड पर छपे फोटो पर उंगली रख कर इशारा करके बताया कि इनके द्वारा राशन दिया जा रहा है। गांव में लॉकडाउन का पालन किया रहा है। यहां रहने वाले अधिकतर लोग नक्सल हिंसा पीड़ित है। जो नक्सलियों के भय से यहां आकर बसे हुए है। अधिकांश लोग माड़िया गोड़ी या हल्बी बोलते है।