रायपुर : महाभारत और वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास के अवतरण दिवस आषाढ़ पूर्णिमा के दिन भारत में गुरू पूर्णिमा मनाने की परम्परा रही है। इस दिन गुरूओं के अमूल्य ज्ञान और मार्गदर्शन के प्रति सम्मान और आभार प्रकट किया जाता है। गुरू जीवन में अज्ञानता के अंधकार को मिटाकर ज्ञान की रोशनी लेकर आते हैं। इस साल गुरु पूर्णिमा का पर्व 13 जुलाई को मनाया जाएगा. गुरुपूर्णिमा के दिन आप छोटे छोटे काम कर के अपनी किस्मत पलट सकते है, आइए जानते है.
गुरु पूर्णिमा के दिन सबसे महत्वपूर्ण काम अपने गुरु का पूजन और स्मरण जरूर करें। अगर आपके कोई गुरु नहीं है तो आप भगवन भोलेनाथ को अपना गुरु मान कर उनकी पूजा कर सकते है. इस दिन केसर का तिलक लगाना चाहिए और पीली वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है। इस दिन गीता पाठ करना अति उत्तम माना गया है। इस दिन पिता, गुरु व दादा का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। इस दिन केले और पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाना शुभ माना जाता है क्योकि इनमे देवताओ अर्थात भगवन विष्णु का वास होता है।
गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण, विष्णु, लक्ष्मीनारायण की पूजा करनी चाहिए मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन ऐसा करने से रूके हुए कार्य पूर्ण हो जाते हैं. यदि आपको मेहनत करने के बाद भी अच्छे परिणाम नहीं मिल रहे हो या आपकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हो तो गुरु पूर्णिमा के दिन गरीब व जरूरतमंद लोगों को पीले रंग का अनाज जैसे पीली दाल, मक्का, आदि केला, हल्दी दान करना चाहिए.
आज कल के इस भगा दौड़ी वाले समय में पति पत्नी के रिश्ते यदि ख़राब हो जाये तो बहुत साड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु यंत्र की स्थापना कर विधि-विधान के साथ पूजा करनी चाहिए. इससे दांपत्य जीवन में खुशियां आएंगी.
इस दिन गुरु देव के मंत्रो का जाम भी बहुत ही शुभ फलदाई होता है. आप गुरु देव के ॐ गुं गुरवे नम:, ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:. ॐ बृं बृहस्पतये नम:, ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:, ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:आदि मंत्रो का जाप कर सकते है.