मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा मजदूरों को कार्य मिले कोई भूखा न सोए

भोपाल :मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा गाइड लाइन जारी कर संक्रमित क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में कुछ आर्थिक गतिविधियों को 20 अप्रैल से शुरू किए जाने की छूट दी गई है। सभी कलेक्टर इन गाइड लाइन्स का अच्छी तरह अध्ययन कर लें तथा इसका सख्ती से पालन करते हुए अपने जिले की परिस्थिति अनुसार इन गतिविधियों को प्रारंभ करवाएं। प्रदेश में कहीं भी कोरोना संक्रमण की कीमत पर कोई भी कार्य नहीं होना चाहिए। इसमें कोई भी ढिलाई अक्षम्य होगी। अधिकारी इसके लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि रोजी-रोटी के लिए लोगों को कार्य मिले तथा कोई भी व्यक्ति प्रदेश में भूखा न सोए। लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं तथा रबी उपार्जन की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान एवं सचिव जनसंपर्क श्री पी. नरहरि उपस्थित थे।

मनरेगा के कार्य कराएं
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों को रोजगार प्रदान करने के लिए 20 अप्रैल से भारत सरकार की गाइड लाइन अनुसार मनरेगा के कार्य शुरू करवाए जाएं। उन्होंने कहा कि जिन मजदूरों के पास मनरेगा कार्ड नहीं है, उनके कार्ड बनवाए जाएं। बैठक में बताया गया कि मनरेगा के अंतर्गत प्रतिदिन मजदूरी की दर गत वर्ष 176 रुपये थी, जिसे बढ़ाकर इस वर्ष 194 रुपये प्रति श्रमिक कर दिया गया है।

नियंत्रित रूप से हों औद्योगिक गतिविधियां
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में आवश्यक वस्तुओं से संबंधित उद्योगों की नियंत्रित रूप से गतिविधियां गाइड लाइन अनुसार 20 अप्रैल से प्रारंभ की जानी हैं। इसके लिए सभी कलेक्टर एवं संभाग आयुक्त अपने क्षेत्रों के उद्योग संचालकों से बात कर सुनिश्चित कर लें कि पूरी सोशल डिस्टेंसिंग एवं सभी सुरक्षात्मक उपायों के साथ उद्योग प्रारंभ हों। यथासंभव उनमें लगे मजदूरों की कार्य-स्थल पर ही रहने की व्यवस्था की जाए। निर्देशों का उल्लंघन होने पर संबंधित उद्यम /कंपनी बंद कर दी जाएगी।

जिला आपदा प्रबंधन समूह में निर्णय लें
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में जिला आपदा प्रबंधन समूह की बैठकें नियमित रूप से हों। इन बैठकों में जिले की स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लिया जाए कि गाइडलाइन में दिए गए कार्यों में से किन कार्यों को जिले में प्रारंभ कराया जाए, जिनसे संक्रमण फैलने का बिल्कुल खतरा न हो। जिलों में कार्यपालक दंडाधिकारियों को ‘इंसिडेंट कमांडर’ के रूप में अधिसूचित करें। हर जिले की आपदा प्रबंधन योजना हो। कोरोना में लगे अमले को विश्राम दिया जाए तथा सैकण्ड लाइन को कार्य में लगाया जाए।

जिले में न घुसने दें कोरोना
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जिलों में अभी तक कोरोना संक्रमण नहीं हैं, वहां कलेक्टर सुनिश्चित करें कि उनके जिलों में कोरोना घुसे नहीं। ऐसा कोई भी कार्य ना हो, जिससे संक्रमण उनके जिले में आए।

सभी उचित मूल्य दुकानें खुलें
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि संक्रमित क्षेत्रों को छोड़कर शेष क्षेत्रों में सभी उचित मूल्य दुकान खुलें। किराना दुकानों को भी अधिकतम समय खोला जाए। कालाबाजारी किसी भी स्थिति में सहन नहीं होगी तथा इसके लिए कलेक्टर स्वयं जिम्मेदार होंगे। बाहर के मजदूरों के लिए भोजन, आवास की व्यवस्था कलेक्टर अपने जिले में सुनिश्चित करें।

जन-प्रतिनिधियों एवं मीडिया का सक्रिय सहयोग
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी कलेक्टर अपने जिलों में जन-प्रतिनिधियों, मीडिया, स्वयंसेवी, संगठनों तथा समाज के हर वर्ग का पूरा सहयोग कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में प्राप्त करें। मीडिया को अपना पार्टनर मानें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संबंधी कार्य अथवा अन्य जन-कल्याण के कार्य में पैसे की कमी नहीं आने दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने ग्रीष्म ऋतु के मद्देनजर पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने, 25 अप्रैल से चालू होने वाली तेंदूपत्ता तुड़ाई की व्यवस्था करने, कॉल सेंटर्स का समुचित संचालन तथा समस्याओं का त्वरित निराकरण करने आदि के निर्देश कलेक्टरों को दिए।

एक साथ ही खरीदें एक किसान की फसल
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कुछ किसानों की जमीन अलग-अलग स्थान पर होती हैं, उनकी फसल एक साथ ही खरीदे जाने की व्यवस्था करें, जिससे उन्हें परेशानी ना हो। रबी उपार्जन के संबंध में प्रमुख सचिव खाद्य-नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि प्रत्येक उपार्जन केन्द्र पर खरीदी के लिए 6 किसानों को एस.एम.एस. किए जा रहे हैं। पहले दिन प्रदेश के सभी उपार्जन केन्द्र में कुल 3000 किसान आए, जिन्होंने 5300 मी. टन तथा 16 अप्रैल को 7000 किसान आए, जिन्होंने 14,000 मी. टन गेहूं बेचा। उन्होंने बताया कि 19 अप्रैल को भी उपार्जन केन्द्र खुले रहेंगे तथा खरीदी का कार्य होगा।

‘सौदा पत्रक’ से खरीदी के लिए प्रेरित करें
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोरोना संकट के चलते मंडियों में भीड़ ना हो। इसके लिए व्यापारियों को ‘सौदा पत्रक’ के माध्यम से मंडियों के बाहर किसानों का अनाज उचित मूल्य पर खरीदने के लिए प्रेरित किया जाए। बैठक में बताया गया कि सौदा पत्रक के माध्यम से 19 हजार मी. टन गेहूं खरीदा गया है।

चमक विहीन गेहूं भी खरीदें
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान सरकार की प्राथमिकता हैं। हम किसानों की पूरी फसल खरीदेंगे। गुणवत्तायुक्त होने पर भी यदि गेहूं चमक विहीन है, तो भी उसे खरीदा जाए। किसान को उपार्जन केन्‍द्र पर आने में कोई रोक-टोक न हो। उन्हें किसी तरह के पास की आवश्यकता ना हो। हर उपार्जन केन्‍द्र पर खरीदी की आवश्यक वस्तुओं के साथ ही सैनिटाइजर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करें। ट्रांसपोर्टर्स की व्यवस्था अच्छी हो, कोई कार्य में ढिलाई करे, तो उसे बदल कर दूसरा लगाएं। उपार्जन केन्द्रों पर किसानों की सहायता के लिए सहकारी समितियों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *