रायपुर/अभनपुर 21 जून 2022।
“मानवता के लिए योग” की थीम पर आयोजित हुए आठवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर ज़िला रायपुर के विकासखण्ड अभनपुर के समस्त स्वास्थ्य केंद्रों पर योग की पाठशाला का आयोजन किया गया । योग दिवस पर योग पाठशालाओं का उद्देश्य शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना और मानसिक तनाव को कम करना है|
योग दिवस पर आयोजित हुई योग पाठशालाओं की जानकारी देते हुए विकासखंड अभनपुर के विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक अश्विन पांडे ने बताया: ‘’बीते वर्षों में कोविड संक्रमण काल के दौरान योग काफी लाभदायक साबित हुआ है । योग से मन प्रसन्न और संतुलित रहता है ।जिस प्रकार शरीर को भोजन की जरूरत होती है उसी प्रकार शरीर को लचीला और फुर्तीला रखने के लिये योग का भी महत्वपूर्ण स्थान है। योग लोगों को निरोग बनाने में मदद करता है। यह शरीर की ताकत को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके साथ ही तनाव और चिंता को कम करने में भी मददगार साबित होता है।‘’
योग के महत्व को देखते हुए और जनजागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से हरवर्ष 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाया जाता है। इस वर्ष दिवस की थीम `योगा फॉर ह्यूमिनिटी’ यानि मानवता के लिए योग निर्धारित की गई है। योग की पाठशाला का मुख्य आयोजन विकासखण्ड स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अभनपुर में किया गया था जहाँ मास्टर ट्रेनर तारकेश्वर साहू एवं सुश्री हेमलता साहू के मार्गदर्शन में समस्त अधिकारी, कर्मचारी एवं अन्य स्टाफ को योग सिखाया गया ।
खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ.उमेश विश्वास ने बताया प्रदेश सरकार ने लोगों को सेहतमंद रखने के लिए चिकित्सा के साथ ही योग के बारे में भी जागरूक करने के निर्देश दिये हैं। आज हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में भी योग की पाठशाला लगाई गई है। योग पाठशाला में क्षेत्र के लोगों को योगाभ्यास कराया गया । इसमें सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, ताड़ासन, गोमुखासन, अनुलोम-विलोम, कपालभांति, सर्वांगासन आदि सिखाया गया है। अभ्यास सुबह या शाम खाली पेट किया जाता है। लोग इसमें बढ-चढ़ कर हिस्सा ले ऐसी मंशा हैं।
उन्होंने कहा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस योग के महत्व के प्रति जागरूक करता है। योग से मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से शरीर स्वस्थ रहता है। योग गर्दन, कंधे, पीठ और कूल्हों में तनाव को कम करने में मदद करता है। शरीर में चुस्ती-फुर्ती आती है। योग से बीमारियां दूर होती हैं। इसके साथ ही शुगर, बीपी हाइपरटेंशन, डिप्रेशन आदि भी नियंत्रित रहता है। गर्भावस्था में भी योग करना लाभदायक होता है। किसी भी प्रकार के योग की शुरुआत प्रशिक्षक की सलाह उपरांत ही करें ।
योग पाठशाला में मुख्य रूप से आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ.एसबी तिवारी,डॉ.शारदा प्रसाद साहू, डॉ.भूपेंद्र तारक, श्रीमती मनीष जाधव, पीएल साहू, बीएल साहू सहित समस्त स्टाफ उपस्थित रहे ।
योग का महत्व :-
प्रति दिन 20-30 मिनट योग शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाने में सहायक होता है। योग हमें मानसिक तनाव से भी दूर करता है।
शारीरिक (Physical)
योग शरीर को लचीलापन देता है, शरीर को संतुलित बनाये रखता है, हृदय को मजबूत करता है, पाचन क्रिया में सुधार, पेट को मजबूत बनाता है, हमारे मांसपेशियों को मजबूत तथा उसके तनाव को कम करता है, हमारे शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है और वजन को नियंत्रित करता है।
मानसिक (Mental)
योग भावनाओं को नियंत्रित करता है, तनाव से राहत दिलाता है तनाव सम्बन्धित सभी बीमारियों से बचाता है, बुद्धि को बढ़ाता है, योग हमारे एकाग्रता और कौशल को बढ़ाता है और सही निर्णय लेने के लिए तैयार करता है।
आत्मिक (Spiritual)
योग हमें हमारे जीवन के उद्देश्य को बताता है, योग आंतरिक शांति, संतोष और अर्थ को दर्शाता है।
योग करने से पूर्व जरूरी बातें
मासिक धर्म के दौरान प्रशिक्षित योग शिक्षक के सानिध्य में ही योग करना उत्तम रहता है। योगाभ्यास के बाद पर्याप्त नींद और पौष्टिक आहार लेना आवश्यक है। योगाभ्यास करने वाले व्यक्ति को नशा नहीं करना चाहिए। किसी आसन को करने से शरीर में तकलीफ हो तो प्रशिक्षक से सलाह लें। योगासन किसी भी उम्र के स्त्री या पुरुष कर सकते हैं।
योग के लाभ
नियमित योगाभ्यास करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लाभ मिलता है। योग करने वालों का रक्तचाप व हृदय गति में सुधार होता है। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक होती है। योगासन से रक्त शुद्ध होता हैं, मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है। योगासन शारीरिक स्वास्थ्य के लिए वरदान है।