कमजोर तबकों को मिला दो माह का एक साथ चावल अब रोजगार के भी खुले द्वार

रायपुर, कोरोना वायरस के संक्रमण और इस वैश्विक महामारी से उत्पन्न संकट के दौर में राज्य सरकार द्वारा कबीरधाम जिले के दो लाख 15 हजार परिवारों को प्रचलित राशन कार्ड के माध्यम से एक साथ दो माह का चावल और नून (नमक) मिलने से उनके हौसलों को नई उड़ान मिली है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सुशासन और समयबद्ध कुशल प्रबंधन, समन्वय की इस ठोस नीति से कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम और उनके बचाव में प्रदेश के कमजोर तबकांे के लिए भरपेट भोजन की व्यवस्था सबसे अहम साबित हो रही है। मानव जीवन के मूलभूत आवश्यकता रोटी, कपड़ा और मकान है। समय के साथ-साथ इस मूलभूत आवश्कता में रोजगार भी जुड़ गया है। इस संकट की घड़ी में राज्य सरकार ने रोटी और रोजगार को प्राथमिकता में रखा है। रोटी की चिंता को दूर करते हुए एक साथ दो माह का चावल निःशुल्क दिया गया है।

कोरोना वायरस के प्रसार के रोकथाम को विशेष ध्यान में रखते हुए रोजगार की समस्या को दूर किया जा रहा हैं। कबीरधाम जिले में ग्राम पंचायतों की मांग के आधार पर बड़े पैमानें पर रोजगार मूलक कार्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत कामों की मंजूरी दी जा रही है। इस कार्य में लगे श्रमिकों की परस्पर शारीरिक दूरी बनाए रखने के आधार पर रोजगार के द्वार भी खोले जा रहे है। कबीरधाम जिले में नीजि तौर पर तीन सौ से अधिक छोटे-बडे गुड़ उद्योग संचालित है। इन उद्योगों में बड़े पैमाने पर कुशल श्रमिक काम करते हैं। उन सभी कुशल श्रमिकों को रोजगार की उपलब्धता निरंतर बनी रहे, इसके लिए शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए गुड़ उद्योगों शुरू किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की इस नीति से बीपीएल में शामिल प्रत्येक परिवारों के लिए भरपेट भोजन की व्यवस्था पूरी कर ली गई है। कोरोना के खिलाफ जारी इस लंबी लड़ाई में अब कोई भी परिवार भूखा नहीं सोएगा। इस संकट से उत्पन्न होने वाले राशन से संबंधित सभी जरूरी तैयारियां भी कर ली गई है। कबीरधाम जिले के 461 ग्राम पंचायतों में दो किं्वटल चावल की अतिरिक्ति व्यवस्था भी की गई है। इस व्यवस्था का मूल उद्ेश्य यह है कि जिले के ऐसे परिवार जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, किसी कारण से उस परिवार ने अपना राशन कार्ड नहीं बना पाया है। बेसहारा निराश्रित लोग जिन्होने से अपना राशन कार्ड नहीं बना पाया है, ऐसे जरूरतंमद लोगों के लिए भरपेट भोजन कराने के लिए चावल देने की भावी नीति हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के ऐसे परिवार जिन्होने अपना राशन कार्ड नहीं बना पाया है, ऐसे परिवारों की समस्या को जड़ से समाधान किया जा रहा है। खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम एवं छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्राणाली से वंचित परिवारों को उनके पात्रता के आधार पर नया राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। ऐसे वंचित परिवारों का जनपद पंचायत, अनुविभाग या जिला कार्यालय आने की जरूरत नहीं हैं। लॉकडाउन में ग्राम पंचायत के सचिव से संपर्क कर आवश्यक जानकारी भी प्राप्त किया जा सकता हैं।

कबीरधाम जिले में रोटी की चिंता को दूर करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण द्वारा जिले के सभी बीपीएल परिवारों को दो माह का राशन और नमक निःशुल्क वितरण किया जा रहा हैं। जिले के वनांचल क्षेत्रो में निवासरत जिले के आदिवासी बैगा परिवारों को उनके ग्राम पंचायतों में राशन पहुंचाने की व्यवस्था बनाई गई है। खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम एवं छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली में जिले में 2 लाख 15 हजार बीपीएल परिवार शामिल है। इन बीपीएल परिवारों में प्रचलित अंत्योदय, निराश्रित, अन्नपूर्णा, प्राथमिकता और निःजक्तजन को शामिल किया गया है। सभी विकासखण्डों में बोड़ला विकासखण्ड में बीपीएल परिवार की संख्या एक लाख 96 हजार 988 है। इसी प्रकार जिले के सभी छः नगरीय निकायो में बीपीएल राशन कार्ड धारी 18 हजर 258 परिवार शामिल है। कवर्धा विकासखण्ड में बीपीएल परिवार 50 हजार 718 हैं। कवर्धा विकासखण्ड में 46 हजार 451 है। पंडरिया विकासखण्ड में 62 हजार 635 है। सहसपुर लोहारा विकासखण्ड में 37 हजार 184 है। इसी प्रकार कवर्धा नगर पालिका में 9179 बीपीएल परिवार है। सहसपुर लोहारा नगर पंचायत में 1413 हैं। पंडरिया नगर पंचायत में 3570 है। पिपरिया में 1254, पांडातराई में 1731, और बोडला में 111 है। इन सभी परिवारांे को दो माह का चावल 35 किलो और 2 किलो नमक निःशुल्क में प्रदाय किया जा रहा है।

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