रायपुर, राहुल गांधी के सुर में सुर मिलाने से नहीं तो क्या घण्टा बजाने और दिया जलाने से करोना की समस्या का समाधान होगा? एक विज्ञप्ति में यह प्रश्न पूर्व मंत्री राजेश मूणत से छत्तीसगढ़ संचार विभाग के सदस्य सुरेन्द्र शर्मा ने पूछा है।
राजेश मूणत द्वारा राहुल गांधी की विचारों के समर्थन को सुर में सुर मिलाना बताने पर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य सुरेंद्र शर्मा ने कहा है कि मूणत को यह बताना चाहिए कि अधिक टेस्ट कराने की जायज सलाह पर क्या सुर नही मिलाना चाहिये ? चिकित्सा ब्यवस्था के विस्तार की वाजिब सलाह का क्या विरोध करना चाहिए
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य सुरेंद्र शर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की जनता द्वारा बुरी तरह से नकारे गए सत्ता के बिना छटपटा रहे लोग ही राहुल गांधी के समुचित सलाह की आलोचना कर रहे हैं।उनके विचारों का समर्थन करने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सीख देने की कुचेष्टा कर रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य सुरेंद्र शर्मा ने कहा है कि गरीबो की भुखमरी की चिंता से भाजपा के खेलेखाय पूर्व मंत्री दुबले न हों।
सुरेन्द्र शर्मा ने कहा है कि मूणत और भाजपा नेताओं को अच्छी तरह पता है कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने करोना संकट पर हर मोर्चे पर आगे बढ़ कर कदम उठाया है जिसके परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ अपेक्षाकृत सुरक्षित प्रान्तों की श्रेणी में आगे खड़ा है।
राजेश मूणत के गरीबो की चिंता पर जवाब देते हुए सुरेन्द्र शर्मा ने कहा
दो माह का राशन दिया जा चुका है,कार्ड विहीन लोगो को भी एक माह का राशन दिया जा रहा है,कार्ड बनाने की प्रक्रिया भी निरंतर जारी है।मुख्य मंत्री भूपेश बघेल ने हर आदमी को भुखमरी से बचाने का संकल्प लिया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य सुरेंद्र शर्मा ने कहा है कि राष्ट्र हित मे प्रधान मंत्री के हर सुझाव ओर दिशानिर्देश का पालन छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किया जा रहा है । क्या आज भारतीय जनता पार्टी के नेताओ की भी यह जिम्मेदारी नही बनती कि वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और छत्तीसगढ़ सरकार का इस आपातकाल में सहयोग करें ? या फिर सिर्फ सत्ता के लिये मुंगेरीलाल के हसीन सपनो में खोए रहना और साजिशें करना ही भाजपा का काम रह गया है ?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य सुरेंद्र शर्मा ने कहा है कि कहावत है गिद्ध के श्राप से गाय नही मरती । विपक्ष में गये हैं मूणत जी और भाजपा तो अभी दस बीस साल जनता के साथ खड़े हो, उनके सुख दुख को समझिए अभी तो सभी संकट में हैं इससे निकलने में सकारात्मक भूमिका निभाये, राजनीति के लिए बहुत वक्त पड़ा है।