गरियाबंद वनमण्डल तथा उदंती-सीतानदी टायगर रिजर्व में कंट्रोल रूम स्थापित
रायपुर, कोरोना (कोविड-19) संक्रमण के कारण पूरा प्रदेश लाॅकडाउन है। ऐसे हालत में वन विभाग गरियाबंद द्वारा अपील की गई है कि कोई भी व्यक्ति अकेले जंगल में न जाएं। महुआ बीनने अथवा अन्य वनोपजों के संग्रहण के लिए जंगल जाने की जरूरत पड़ती है तो दिन में ही जाएं। वे अकेले न जाएं और इस दौरान सोशल डिस्टेंस्टिंग का भी पालन करे। इस तरह लोगों से स्वयं और वन्य प्राणियों की सुरक्षा की अपील की गई है।
मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र संचालक उदंती-सीतानदी टायगर रिजर्व तथा वनमण्डलाधिकारी गरियाबंद द्वारा वन्य प्राणियों की सुरक्षा तथा लोगों को स्वयं की सुरक्षा के लिए आवश्यक बातों का विशेष रूप से ध्यान रखने के लिए कहा गया है जिससे क्षेत्र में कोई अप्रिय घटना घटित न हो। इसके तहत अपील की गई है कि शाम को 6 बजे के बाद किसी भी स्थिति में जंगल में न रहें। वृद्ध तथा बच्चे घर में ही रहें वे जंगल कदापि न जावें। छोटे बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाए। यह भी सुनिश्चित करें कि वे अपने बाड़ी में विशेषकर शाम के समय अकेले न घूमें। किसी भी प्रकार से वन्य प्राणी द्वारा कोई घटना होती है तो तत्काल इसकी सूचना वन विभाग को दें। क्षेत्र में यदि किसी भी प्रकार से कोई वन्य प्राणी का आवागमन होता है अथवा वन्य प्राणी का रहवास क्षेत्र है तो इसकी जानकारी वन विभाग को तत्काल दी जाए। इसके लिए गरियाबंद वनमण्डल और उदंती-सीतानदी टायगर रिजर्व में एक कण्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है। कंण्ट्रोल रूम के प्रभारी श्री गीतेश्वर यदु मोबाइल नंबर 7987064635 है। इसके अलावा वनमण्डलाधिकारी गरियाबंद मोबाइल नंबर 9990911275, उप निदेशक उदंती-सीतानदी टायगर रिजर्व गरियाबंद 9567604988, उप वनमण्डाधिकारी राजिम 94245510275, उप मण्डलाधिकारी देवभोग 7069199122, उप वनमण्डलाधिकारी गरियाबंद 9009917777, सहायक संचालक उदंती 7641839218 और सहायक संचालक तोरेंगा 7389015689 में भी संपर्क कर सूचना दी जा सकती है।
गरियाबंद जिला वन क्षेत्र होने के साथ-साथ वन्य प्राणी बाहुल्य जिला है। जिले में तेंदुआ, भाूल तथा अन्य वन्य प्राणी बहुतायत में पाए जाते है। लाॅकडाउन के कारण वन क्षेत्रों में मानव दबाव कम होने और माहौल शांत होने के फलस्वरूप वन्य प्राणी वनों से घिरे गांव में तेंदुआ, भालू तथा अन्य वन्य प्राणी के विचरण की सूचना वन विभाग को निरंतर प्राप्त हो रही है। जिससे वन्य प्राणी मानव द्वंद के कारण क्षति होना भी पाया जा रहा है। अभी हाल ही में ग्राम कचना में तेंदुआ द्वारा एक बच्चे को उठाकर गांव से बाहर ले जाया गया था। बच्चे को घायल अवस्था में छोड़कर तेंदुआ वन क्षेत्र की ओर भाग खड़ा हुआ तथा बाद में उपचार के दौरान बच्चे की मृत्यु हो गई। इसे ध्यान में रखते हुए वन विभाग द्वारा वर्तमान में कचना गांव में 17 छोटे एलईडी लाईट लगाए जा रहे हैं। साथ ही ट्रैप कैमरा तथा ट्रैप केज पहाड़ी पर स्थित वन क्षेत्र में लगाए गए है। इसके अलावा गांवों में तेंदुए आदि वन्य प्राणियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। इसी तरह वन क्षेत्रों में जल स्त्रोतों का चिन्हांकन करने और वन्य प्राणियों की पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने के उपाय किए जा रहे है ताकि वन्य प्राणी पानी की तलाश में रिहायशी क्षेत्र में गमन न करें।