रायपुर, रायपुर नगर निगम के विभिन्न इलाकों में पीलिया का प्रकोप अब नियंत्रण की स्थिति में है। दर्जन भर मोहल्लों एवं बस्तियों में पीलिया के प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन क्षेत्रों में निरंतर निगरानी एवं हेल्थ कैंप लगाकर प्रभावितों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं नियमित इलाज किया जा रहा है। पीलिया नियंत्रण कार्यक्रम के स्टेट नोडल अधिकारी एवं संयुक्त संचालक डॉ. पाण्डेय ने बताया कि भर्ती मरीजों में से छह मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। वर्तमान में भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य में लगातार सुधार जारी है। डॉ. सुभाष पाण्डेय ने बताया कि रायपुर के चंगोराभाठा, ईदगाहभाठा, खो-खो पारा, मठपुरैना, स्वीपर कॉलोनी, भैरवनगर, शिवनगर, आमापारा, पुरानीबस्ती, दलदल-सिवनी, नंदनवन-अटारी, बंधुवापारा, कुशालपुर में दूषित पेयजल के सेवन से पीलिया हुआ है। अभी तक की जांच में दूषित पेयजल से प्रभावित लोग हेपेटाईटिस-ए एवं हेपेटाईटिस-ई से ग्रसित पाए गए है। उन्होंने बताया कि इन सभी क्षेत्रों में नियमित रूप से स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक कैंप लगाकर लोगों के स्वास्थ्य का परीक्षण कर रहे है। उन्होंने बताया कि ए.एन.एम., मितानिन द्वारा डोर-टू-डोर सम्पर्क कर लोगों कैंप में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए लाया जा रहा है। हेपेटाईटिस तथा बिलिरूबिन के बढ़े होने की दशा में संबंधितों के ब्लड सैंपल की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि कैंप के माध्यम से पीलिया प्रभावितों को आवश्यक परामर्श एवं दवाएं दी जा रही है। लोगों से स्वच्छ एवं ताजा भोजन करने, खान-पान में विशेष सावधानी बरतने तथा पानी उबालकर पीने की सलाह दी जा रही हैं। उक्त प्रभावित क्षेत्रों में निवासरत परिवारों को क्लोरीन की टेबलेट भी निःशुल्क रूप से दी जा रही है, साथ ही टेबलेट से पेयजल शुद्धिकरण का तरीका भी बताया जा रहा है। नोडल अधिकारी डॉ. पाण्डेय ने बताया कि उक्त इलाकों में पेयजल स्त्रोतों के शुद्धिकरण किए जाने के साथ ही लोगों को टैंकर के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने बताया कि पीलिया से ग्रसित मरीजों को उनके लक्षण के आधार पर जिला चिकित्सालय पंडरी में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।