रायपुर. प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कांग्रेस सरकार पर कोरोना महामारी की विभीषिका को समझने में पूरी तरह विफल और इससे निपटने में लापरवाह बताया है. श्रीवास्तव ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा तबलीगी जमात के 52 व्यक्तियों का पता लगाने के लिए ‘गहन तलाशी अभियान’ चलाने का निर्देश देने से यह साबित होता है कि जो काम सरकार को करना चाहिए वह भी माननीय न्यायालय को ही करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. श्रीवास्तव ने कहा कि यह साफ़ तौर पर कहे जाने की ज़रूरत है कि राज्य में अब तक मिले पॉजिटिव मामलों में से आधे से अधिक मामले एक ही सोर्स यानी तबलीगी जमात की वजह से हैं. उन्होंने कहा कि पहले स्थिति को स्वीकार तो करे सरकार और तुष्टिकरण और लीपापोती से बचे, तभी कुछ बेहतर इस मामले में कर सकती है.
भाजपा प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा कि राजनांदगांव के घुमका क्षेत्र में तबलीगी जमात से जुड़े दो लोगों को प्रशासन ने क्वारंटाइन में रखा है. राजनांदगांव के कलेक्टर ने कहा कि जानकारी छिपाने पर 302 और 307 के तहत केस होगा. उन्होंने सवाल उठाया है कि अगर यह राजनांदगांव में हो सकता है तो ऐसा ही पूरे प्रदेश में क्यों नहीं होना चाहिए? ज़मातियों पर कारवाई करने से आखिर डर क्यों रही है सरकार? क्या तुष्टिकरण की राजनीति के लिए छत्तीसगढ़ के ढ़ाई करोड़ लोगों की जान को खतरे में डाल देना उचित है? उन्होंने कहा कि कटघोरा में कैसे जनाजे में 10 शहरों से आकर लोग शामिल हो गए. यह प्रशासन की विफलता नहीं तो क्या है?
भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने पूछा कि अगर प्रदेश में भाजपा के विधायकगण और हरियाणा में मंत्री और विधायक के वेतन से 30% काटकर डॉक्टर, नर्स और सफाई कर्मचारी की सेलरी दोगुनी करने का फैसला किया है, तो छत्तीसगढ़ में भी कोरोना सेनानियों के लिए ऐसा कुछ क्यों नहीं हो सकता?
श्रीवास्तव ने कहा कि मीडिया के सभी मित्र लोगों तक कोरोना से जुड़ी खबरें पहुंचा रहे हैं. वे भी कोरोना सेनानी ही हैं. लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सुझाव दे रही हैं कि केंद्र सरकार टीवी चैनल को विज्ञापन देना बंद करे. उन्होंने अफ़सोस जताते हुए कहा कि ऐसे समय में जब पूरे देश को जागरुक करना है. मीडिया जागरुकता फैलाने का एक बड़ा माध्यम है और कांग्रेस अध्यक्ष पत्रकारों पर ही आरोप लगा रही हैं, उन्हें ही संकट का जिम्मेदार बता रही हैं, यह अनुचित है. श्रीवास्तव ने कहा कि रायपुर में पीलिया मरीजों की संख्या 100 पार कर गई है, इस तरफ भी शासन को ध्यान देना चाहिए. यह एक नयी माहामारी का रूप न ले ले, इसलिए इसकी रोकथाम के लिए भी युद्ध स्तर पर कोशिश करने की ज़रुरत है. श्रीवास्तव ने इस वैश्विक आपदा के समय राजनीतिक दुराग्रह छोड़ प्रदेश शासन से तेज़ी से निर्णय लेने और इमानदारी के साथ इस समस्या से निपटने में कोशिश करने का कांग्रेस सरकार से आग्रह किया है.