मोदी-भाजपा राज में जनता की बदहाली, भुखमरी, गरीबी और असमानता में रच रहे नित नए कीर्तिमान
रायपुर/15 दिसंबर 2021। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने राइटर्स की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मोदी के नेतृत्व में देश आगे नहीं बल्कि तेजी से पीछे जा रहा है। देश महंगाई के मामले में 30 साल के सर्वाधिक स्तर पर है और बेरोजगारी के मामले में पिछले 45 वर्षों में सबसे बदत्तर हालत में खड़ी है। मोदी सरकार की नीतियां केवल चंद पूंजीपतियों के मुनाफे पर केंद्रित है। पिछले माह में जो थोक महंगाई दर 12.54 प्रतिशत थी वह बढ़कर 14.2 फ़ीसदी हो गया है। देश में थोक महंगाई बढ़ने का यह ऐतिहासिक आंकड़ा है जिसका मूल कारण ईंधन की बढ़ती कीमतें हैं। डीजल-पेट्रोल पर ₹30-35 रूपए सेंट्रल एक्साइज बढ़ाकर ₹5-10 रूपए कम करने के झांसे को देश की जनता समझ चुकी है। मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों और अनियंत्रित मुनाफाखोरी के चलते देश में महंगाई बेलगाम हो चुकी है। सर्वविदित है कि आज खाद्य तेल के सबसे बड़े प्लेयर अडानी और लाला रामदेव है, जिनके अनियंत्रित मुनाफाखोरी के चलते 100 रूपए का खाद्य तेल 200 रूपए हो गया है। आलू, दूध, सब्जियों सहित सभी दैनिक उपभोग की वस्तुएं रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दी गई है। खाने-पीने की वस्तुओ में महंगाई 3.06 से बढ़कर 6.7 परसेंट हो गई है। एक तरफ तो देश के 97 प्रतिशत लोगों की आय घटी है, वहीं महंगाई दर बढ़ने से आम जनता पर दोहरी मार पड़ रही है। गरीब और गरीब होता जा रहा है, मध्यम वर्ग भी तेजी से गरीबी रेखा के नीचे धकेला जा रहा है, वही मोदी के चंद पूंजीपति मित्रों की संपत्ति कई गुना बढ़ती जा रही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि प्रधानमंत्री के दो मित्रों के बीच एशिया में सबसे अमीर होने के लिए प्रतिस्पर्धा चल रही है। मोदी सरकार की पूंजीवादी नीतियों के चलते हैं अमीर और गरीब के बीच की खाई दिन-ब-दिन चौड़ी होती जा रही है। गरीबों से खींचना और अमीरों को सींचना ही मोदी सरकार का असल हिडन एजेंडा है। विगत सात वर्षों में देश के लगभग 30 करोड़ युवाओं की लगी लगाई नौकरी छीन गई। 27 करोड़ जनता मध्यम वर्ग से गरीबी रेखा के नीचे आ चुके है। मोदीराज में भूखमरी इंडेक्स में भारत पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका से भी पीछे खड़ा है। महंगाई और बेरोजगारी के चलते आमजन का जीना दूभर हो गया है वही मोदी सरकार अपने चंद पूंजीपति मित्रों की संपत्ति बढ़ाने में लगी हुई है। केंद्र में “हम दो हमारे दो“ की सरकार चल रही है। भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से पूंजीवाद के कब्जे में है। पीड़ित तो भाजपाई भी हैं परंतु अधिनायकवादी मोदी सरकार में उनकी भी सुनवाई नहीं है।