महिला एवं बाल विकास सचिव ने कलेक्टरों को लिखा पत्र
रायपुर, राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के हितग्राहियों के स्वास्थ्य और पोषण स्तर का ध्यान रखते हुए लॉकडाउन अवधि में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत चिन्हांकित हितग्राहियों को सूखा राशन जैसे चावल, दाल एवं स्थानीय रूचि एवं उपलब्धता के अनुसार अन्य पौष्टिक आहार का पैकेट बनाकर प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। चावल की प्राप्ति खाद्य विभाग से निर्धारित दर पर प्राप्त करने के लिए कहा गया है। इस संबंध में मंत्रालय से महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।
जारी निर्देश के परिपालन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के 3 लाख 15 हजार हितग्राहियों को प्रतिदिन 100 ग्राम चावल, 25 ग्राम दाल एवं अन्य चना, गुड़, मूंगफली, अण्डा, सोयाबड़ी जैसी पौष्टिक सामग्री के मान से 21 दिनों के लिए सूखा राशन घर-घर पहुंचाया जा रहा है। इसमें 21 दिन के चावल के लिए 2 करोड़ 16 लाख रूपये, दाल के लिए 1 करोड़ 66 लाख रूपये तथा अन्य सामग्रियों के लिए 3 करोड़ 31 लाख रूपये, कुल 7 करोड़ 13 लाख रूपये का व्यय अनुमानित है।
जारी निर्देश में सूखा राशन वितरित करते समय कोरोना वायरस (कोविड-19) के फैलाव की रोकथाम के लिए निर्धारित सुरक्षा मापदण्डों जैसे स्वच्छता, सामाजिक दूरी के निर्देशों का पूरी तरह पालन करने कहा है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर प्रदेश में कुपोषण मुक्ति के लिए 2 अक्टूबर 2019 से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान शुरू किया गया है। अभियान के तहत कुपोषण और एनीमिया से मुक्ति दिलाने 6 माह से 6 वर्ष के कुपोषित एवं एनीमिक बच्चों तथा 15 से 49 आयु की एनीमिक महिलाओं को को गर्म भोजन प्रदान किया जाता है। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए पूरे देश में 25 मार्च से लागू 21 दिन के लॉकडाउन के कारण प्रदेश में गर्म भोजन की व्यवस्था बंद हो गई है। इसका असर हितग्राहियों के स्वास्थ्य और पोषण स्तर पर न हो इसलिए सूखा राशन वितरण की व्यवस्था की गई है।