मोदी सरकार ना तो सेंट्रल पुल में 60 लाख मैट्रिक टन चावल ले रही है ना ही एथेनॉल बनाने अनुमति दे रही अब हाथी के चारा पर भी आपत्ति
रायपुर/02 अगस्त 2021। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के बयान पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया व्यक्त की प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा को किसान और धान से इतनी पीड़ा क्यो होती है? यह समझ से परे है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार किसानों को धान की कीमत 2500 रू. प्रति क्विंटल दे रही है। जिसका भाजपा की मोदी सरकार ने लगातार विरोध किया है। यही वजह है कि मोदी सरकार ने सेंट्रल पुल में 60 लाख मेट्रिक टन चावल लेने के सैद्धान्तिक सहमति के बाद मात्र 24 लाख मेट्रिक चावल लेने की ही अनुमति प्रदान की जिसके परिणाम स्वरूप राज्य सरकार को धान खरीदी से कम कीमत पर बेचकर नुकसान उठाना पड़ रहा है। मोदी सरकार सहमति के अनुसार छत्तीसगढ़ से ना तो पूरा चावल ले रही है ना ही राज्य सरकार को एथेनाल बनाने के अनुमति प्रदान कर रही है। अब जब धान को हाथियों के चारा के लिए खरीदा जा रहा है इस पर भी भाजपा नेताओं की आपत्ति भाजपा के किसान और धान विरोधी नीति और चरित्र का जीताजागता सबूत है। मोदी सरकार की नीति तो किसानों से धान खरीदने की है ही नही। यही वजह है कि भाजपा के केन्द्र सरकार तीन काले कृषि कानून लाकर किसानों के धान खरीदी की जिम्मेदारी से भाग रही है और किसानों को चंद पूंजीपतियों के गुलाम बनाने की साजिश रच रही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक हाथियों के चारा के लिए समर्थन मूल्य से अधिक कीमत पर धान खरीदी करने का विरोध कर रहे हैं। एक ओर धरमलाल कौशिक खरीदी कीमत से कम कीमत पर धान खुले बाजार में बेचने पर चिंता जाहिर करते हैं, दूसरी ओर राज्य सरकार का वन विभाग समर्थन मूल्य से अधिक के दर पर हाथियों के चारा के लिए धान की खरीदी करने जा रहे है तो उस पर सवाल उठाते हैं। इससे स्पष्ट हो जाता है कि धरमलाल कौशिक मोदी सरकार के उस एजेंडे पर काम कर रहे हैं जिसमें मोदी सरकार किसानों की फसलों खरीदने का अधिकार चंद पूंजीपतियों को देना चाहते हैं ताकि किसान अपनी उपज को औने पौने में बेचने मजबूर रहे। किसान बदहाल रहे आर्थिक रूप से कमजोर रहे लाचार रहे मजबूर रहे ऐसी सोच के साथ भारतीय जनता पार्टी काम कर रही है। धरमलाल कौशिक का ताजातरीन बयान भाजपा के इसी किसान विरोधी, धान विरोधी, छत्तीसगढ़ विरोधी का स्पष्ट प्रमाण है।