नई दिल्ली, 2 अगस्त, कांग्रेस पार्टी की राज्य सभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा द्वारा इस मानसून सत्र में जनहित और देशहित से जुड़े प्रश्नों को संसद में नियमविरूद्ध निरस्त किया जा रहा है। कई गंभीर मुद्दों को संसद में उठाने से उन्हें रोका जा रहा है। ये ऐसे मुद्दे हैं जिनसे केन्द्र सरकार अपने को असहज महसूस कर रही है।
केन्द्र सरकार के दबाव के कारण उनके प्रश्नों को नियमविरूद्ध निरस्त करने का मामला उन्होंने राज्य सभा के सभापति और महासचिव को 14 जुलाई, 2021, 22 जुलाई, 2021 और 02 अगस्त, 2021 को पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज कराते हुए मामले में हस्तक्षेप की मांग किया है। श्रीमती छाया वर्मा के जिन प्रश्नों को निरस्त किया गया है, वह इस प्रकार है :-1 19 जुलाई 2021 को ‘राफेल से जुड़ा प्रश्न’ तारांकित प्रश्नों के ड्रा में लगा था, जिसे रद्द कर दिया गया। पत्र लिखने पर बताया गया कि मामला कोर्ट में है। जबकि प्रश्न फ्रांस में आए नए सबूतों पर आधारित है। फ्रांस में जो सबूत आए हैं, उससे जुड़ा कोई मामला कोर्ट में नहीं है, जो मामला कोर्ट में है, वह पुराने तथ्यों को लेकर हैं।
2 29 जुलाई 2021 के तारांकित प्रश्नों के वरीयताक्रम/प्राथमिकताक्रम-1 के लिए लगाए गए प्रश्न ‘केन्द्रीय मंत्रिमण्ड में आपराधिक पृष्ठभूमि के मंत्री’, जो 42 प्रतिशत है और वरीयताक्रम-2, ‘चीन द्वारा वर्ष 2020 से 2021 के दौरान भारतीय क्षेत्र के हिस्से पर अवैध कब्जे, को हटाने हेतु उठाए गए कदम’ को निरस्त कर वरीयताक्रम-3 के लिए लगाए गए प्रश्न को तारांकित प्रश्नों की सूची में प्रश्न सं. 112, ‘क्रीमी लेयर का प्रावधान’ 29.7.2021 को मेरे नाम से लगाया गया है। वरीयताक्र-1 और 2 के प्रश्नों जो केन्द्र सरकार के दोहरी नीति और कथनी-करनी को उजागर करती है, को निरस्त करवा दिया गया है। यह अत्यंत गंभीर मामला है। केन्द्र सरकार जिस प्रश्न में उसे फंसने की आशंका होती है, उसे किसी भी स्तर पर जाकर निरस्त करवाने का होता जा रहा है।
3 4 अगस्त 2021 को ‘फोन टेपिंग पेगासस से जुड़ा प्रश्न’ (गृह मंत्रालय) के लिए लगाया गया था, जो निरस्त कर दिया गया। जिसपर दोनों सदनों में हफ्तों से संसद नहीं चल पा रही है। प्रश्न में मैं मैंने पूछा है कि पत्रकारों, न्यायधीशों, मंत्रियों, नेताओं के फोन टेपिंग मामलों को क्या केन्द्र सरकार न्याययिक जांच करवाएगी?
4 5 अगस्त 2021 ‘पेगासस फोन टेपिंग से जुड़ा प्रश्न’ (आईटी मंत्रालय) के लिए लगाया गया था, जो निरस्त कर दिया गया। इस प्रश्न में मैंने पूछा है कि क्या मंत्रालय इस्राइल से पेगासस साफ्वेयर खरीदा है या किराये पर लिया है।
श्रीमती छाया वर्मा ने कहा कि इन चारों प्रश्नों से केन्द्र सरकार के कथनी और करनी का पर्दाफाश हो रहा था, इसलिए वे प्रश्नों को लगने ही नहीं दिया। यह लोकत्रंत के लिए घातक है। लोकतंत्र में जनहित के प्रश्नों को सरकार के दबाव में संसद में निरस्त किया जाना इतिहास में कभी नहीं हुआ, ऐसा कृत्य भाजपा की करा सकता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा जनहित और देशहित के प्रश्नों को या तो दबाया जा रहा है या तोड़मरोड कर जानकारी दी जा रही है। केन्द्र सरकार की गलत और अव्यवहारित नीतियों से जनता का बूरा हाल हैं और अपनी नीतियों और खामियों को सुधारने की बजाए केन्द्र सरकार जनहित और देश हित के मुद्दों को संसद में दबा रही है।
उन्होंने अंत में कहा कि सदन में जनहित के मुद्दों को उठाने के लिए वे हर स्तर पर प्रयास करती रहेंगी और उनके दबाए गए प्रश्नों पर राज्य सभा को लिखे गए पत्र पर उचित कार्यवाही न होने की स्थिति में वे विशेषाधिकार हनन के रूप में सदन में प्रस्ताव देंगी।