धरमलाल कौशिक और अमित चिमनानी भूपेश सरकार के बजाय मोदी सरकार को दे अपनी नसीहत
रायपुर/02 अगस्त 2021। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और भाजपा नेता अमित चिमनानी कि सीएजी रिपोर्ट के संदर्भ में जारी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों, छत्तीसगढ़ की उपेक्षा, असहयोग और व्यवधान के चलते लगातर केंद्रीय योजनाओं में छत्तीसगढ़ की उपेक्षा की जा रही है। केंद्रीय योजनाओं में व्यवधान के गुनहगार तो छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता है जो विगत ढ़ाई वर्षों से लगातार मोदी सरकार को छत्तीसगढ़ के हक और हित के खिलाफ बरगलाने का काम कर रहे हैं। एक तरफ़ जहां पूरे देश की अर्थव्यवस्था उल्टी दिशा में दौड़ रही है वहीं छत्तीसगढ़ बेहतर वित्तीय प्रबंधन और वित्तीय अनुशासन के चलते ही मजबूती से आगे बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ में जल, जंगल, जमीन, बिजली, पानी, खनिज सभी संसाधन सरप्लस होने के बावजूद 15 साल कमीशन खोरी, भ्रष्टाचार, कमजोर वित्तीय प्रबंधन व करोड़ों के नुकसान का बजट रमन राज में आम बात थी। रमन राज में भाजपा नेताओं की स्वार्थ पूर्ति के लिए गलत आर्थिक नीतियां अपनाई जाती रही, जिसके परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ गरीब से और गरीब होता गया। राष्ट्रीय औसत से लगभग दोगुने, गरीबी रेखा में नंबर वन। बेरोजगारी में नंबर वन। कुपोषण, एनीमिया और मलेरिया से होने वाली मौत में नंबर वन। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में नंबर वन, 15 साल के भाजपा के कुशासन में छत्तीसगढ़ की यही पहचान बना दी गई थी। यह भी सर्वविदित है कि विगत विधानसभा चुनाव के पूर्व सितंबर 18 में प्रस्तुत सीएजी की रिपोर्ट में बजट का 20 प्रतिशत राशि खर्च न कर पाने पर गंभीर सवाल खड़े कर वित्तीय अपराध में संलिप्त रहने का प्रमाण पत्र तत्कालीन रमन सिंह सरकार को दिया गया था।
प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि यह सर्वविदित है कि वर्ष 2017-18 के 88590 करोड़ के बजट में 18886 करोड़ इस्तेमाल ही नहीं हो पाया था 5800 करोड़ लिप्स हो गए थे, गंभीर बात तो यह है कि कमीशन के लालच में ऐसे 13 कार्यशील सार्वजनिक उपक्रमों को 9463.02 करोड़ के आर्थिक सहायता दिए थे जिन्होंने 4 साल तक का लेखा जोखा तक पेश नहीं किया था। पिछले सीएजी रिपोर्ट में यह भी तथ्य सामने आए थे कि वर्ष 2017-18 में रमन सरकार के दौरान अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला, समाज कल्याण जैसे विभाग के अनेकों मद में 70 से 80 परसेंट राशि खर्च ही नहीं की गई थी। रमन सरकार के अंतिम अनुपूरक बजट का भी 34 प्रतिशत अनुपयोगी रहा। खेल और युवा कल्याण का भी लगभग यही हाल रहा। केवल अपनी छवि चमकाने विकास यात्रा के नाम पर जनसंपर्क का बजट प्रावधान किए गए राशि से 2 गुना से अधिक खर्च किए। भारतीय जनता पार्टी की सरकार की योजनाओं के केंद्र में भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी पर होता था। आज छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार का पूरा फोकस गांव, गरीब, किसान, आदिवासी महिलाओं और आमजन की बेहतरी के लिए जन हितैषी योजनाओं पर केंद्रित है। आर्थिक अनियमितता और गड़बड़ी भाजपा सरकार में परंपरा बन चुकी थी आज भूपेश बघेल सरकार में पूरी पारदर्शिता है। नान और धान के घोटाले, अगस्ता और पनामा के कमीशन, अंतागढ़ और नागरिक सहकारी बैंक के षड्यंत्र अब बंद हो चुके हैं। विगत कई वर्षों में भ्रष्टाचार का एक भी मामला सामने नहीं आया है यही प्रमाण है भूपेश बघेल सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन का।