जगदलपुर :कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डाॅ. अय्याज तम्बोली द्वारा कोरोना वायरस के रोक थाम के लिए छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग करते हुए, शासन के निर्देशानुसार बस्तर जिले में एस्मा कानून लागू किया ।
कलेक्टर डाॅ. अय्याज तम्बोली द्वारा समस्त शासकीय एवं निजी स्वास्थ्य एवं चिकित्सकीय संस्थाओं में – समस्त स्वास्थ्य सुविधायें, डाॅक्टर, नर्स और स्वास्थ्य कर्मी, मेडिकल उपकरणों की बिक्री, संधारण एवं परिवहन, दवाईंयों एवं ड्रग्स की बिक्री, परिवहन एवं विनिर्माण, एम्बूलेंस सेवाऐं, पानी एवं बिजली की आपूर्ति, सुरक्षा संबंधी सेवाऐं, खाद्य एवं पेयजल प्रावधान एवं प्रबंधन और बीएमडब्लयू प्रबंधन के इस संदर्भ में अत्यावश्यक सेवा कतिपय क्रियाकलापों का प्रतिषेध धारा 4 की उपधारा (1) के अधीन किये गए। कोई ऐसा व्यक्ति जो अत्यावश्यक सेवा से संबंधित है, अकेले या सम्मिलित रूप में इन्कार करके या अन्य प्रकार से, पूर्ण या आंशिक कार्य-विराम का आश्रय नहीं लेगा।
प्रसामान्य कार्य समय के परे कार्य करने से उस दशा में इन्कार नहीं करेगा जबकि सेवा कार्य अत्यावश्यक सेवा के संधारण के लिये अत्यावश्यक हो। एक कार्य या कार्यलोप का आश्रय नहीं लेगा जिसकी परिणति प्रसामान्य कामकाल की विच्छिन्नता में होता हो, किसी भी व्यक्ति को अपने कर्तव्य पर उपस्थित होने तथा कर्तव्यों का निर्वहन करने से निवारित या बाधित नहीं करेगा। उपरोक्त उपबन्धों का उल्लंघन करेगा, उल्लंघन किये जाने का दुष्प्रेरणा करेगा या उल्लंघन करने का प्रयत्न करेगा तो उसे 6 माह की कारावास होगी या 5 सौ रूपये जुर्माना होगा या दोनों से दण्डनीय होगा। इसके अतिरिक्त धारा 188 के अधीन कार्यवाही की जाएगी।