रायपुर, 26 जुलाई 2021/ हर किसी का सपना होता है कि अपना खुद का घर हो, सिर छुपाने के लिए एक पक्की छत हो। हजारों लोगों के अपने घर के इस सपने को राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी मोर जमीन-मोर मकान योजना साकार कर रही है। इस योजना ने बीजापुर नगर के वार्ड क्रमांक 11 की निवासी नक्सल पीड़ित श्रीमती अमीरू निशा के अपने पक्के मकान का सपना सच कर दिया है। जिसमें श्रीमती अमीरु अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर रही हैं।
सहायता के जरिये नक्सल हिंसा पीड़ित महिला अमीरु निशा को पक्का आवास मिला है। श्रीमती अमीरु निशा ने बताया कि वर्ष 2006 में उनके पति स्वर्गीय मोहम्मद बेग की हत्या नक्सलियों ने कर दी थी। पति के निधन के बाद उन्हें बहुत कठिनाईयों का सामना किया। उनके कंधों पर अपने पुत्र और दो पुत्रियों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी आ गयी। एक पुत्री की उम्र विवाह के लायक होने के कारण उसके विवाह की चिंता थी, वहीं सिर छुपाने के लिए अपना मकान भी नहीं था। एक छोटे कच्चे मकान में वह रहती थीं, जिसमें बारिश के दौरान पानी टपकने की समस्या थी। इस बीच वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत बीएलसी घटक में मोर जमीन-मोर मकान की जानकारी उन्हें नगरपालिका परिषद बीजापुर से मिली, तो अपना खुद का मकान बनाने की इच्छा प्रबल हो उठी। नगर पालिका परिषद बीजापुर के अधिकारियों तथा प्रधानमंत्री आवास योजना की टीम ने उनकी पूरी मदद की और आवास निर्माण हेतु उनके आवेदन पत्र पर त्वरित कार्यवाही की।
आर्थिक स्थिति खराब होेने के कारण श्रीमती अमीरू मकान का निर्माण शुरू नहीं कर पा रही थीं। एक साल तक मकान शुरू नहीं होने पर नगरपालिका परिषद बीजापुर की आवास निर्माण टीम ने उन्हें प्रोत्साहित किया। जिससे उन्होंने किसी तरह हितग्राही अंशदान की 78 हजार रुपये जमा कर आवास निर्माण शुरु किया। राज्य सरकार ने भी श्रीमती अमीरु निशा को मकान निर्माण के लिए 2 लाख 26 हजार रुपए की मदद दी। अमरु निशा ने बताया कि मकान बनाने का कार्य जब पूरा हुआ, उनके परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वहीं मकान पूरा होने पर उन्होंने धूमधाम से अपनी छोटी बेटी का विवाह भी कर दिया। श्रीमती अमीरु निशा ने अपने पक्के आवास का सपना साकार करने के लिए सरकार के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहती हैं कि उनके मकान का सपना सरकार की सहायता से ही साकार हो पाया है।