कहा- तथ्य और सत्य से आँखें मूंदे कांग्रेस के लोग झूठ की राजनीति से बाज नहीं आ रहे
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री अजय चंद्राकर ने पेगासस स्पाईवेयर जासूसी मामले में कांग्रेस के राजभवन मार्च को सियासी ड्रामा क़रार देते हुए कहा है कि कांग्रेस के नेता अपने राजनीतिक नाकारापन को ढँकने की नाकाम कोशिश करके एक बार फिर झूठ का रायता फैला रहे हैं। श्री चंद्राकर
ने कहा कि पहले की ही तरह कांग्रेस जासूसी मामले को लेकर अपने फैलाए जा रहे झूठ के रायते पर फिसलकर औंधे मुँह गिर रही है, लेकिन तथ्य और सत्य से आँखें मूंदे कांग्रेस के लोग फिर भी झूठ की राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं। जासूसी मामले में प्रदेश कांग्रेस का राजभवन मार्च कांग्रेस की इन्हीं हास्यास्पद कोशिशों के सिलसिले की ही एक और कड़ी है।
श्री चंद्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर लगाया गया आरोप तथ्यहीन है क्योंकि पेगासस मामले में भूपेश सरकार ने जो जाँच कमेटी बनाई थी, उसकी तमाम क़वायद के बावज़ूद पेगासस सॉफ़्टवेयर को पूर्ववर्ती सरकार द्वारा ख़रीदे जाने या इस्तेमाल किए जाने की पुष्टि नहीं हुई है और इस संबंध में कोई तथ्यात्मक जानकारी भी कमेटी नहीं जुटा पाई है। इससे स्पष्ट है कि ‘रमन-फ़ोबिया’ से ग्रस्त कांग्रेस नेता और मुख्यमंत्री बघेल अब चरित्रहनन की घिनौनी राजनीति पर उतर आए हैं। श्री चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस द्वारा इज़राइली कंपनी के पेगासस बेचने के लिए छत्तीसगढ़ आने की बात उनकी राजनीतिक समझ के स्तर का संकेत देने के लिए पर्याप्त है। प्रदेश सरकार के लोग ‘दस जनपथ’ के शिगूफ़े पर जी-जान से भिड़ जाने के बजाय प्रदेश की उस जनता के लिए काम करे जिसका वेतन ले रहे हैं। श्री चंद्राकर ने कहा कि कथित फोन टैप प्रकरण पर कांग्रेस की प्रतिक्रया सोची-समझी साज़िश है। इस प्रकरण को लेकर कांग्रेस जितनी जल्दबाजी में है, इससे यह प्रतीत होता है कि वह राष्ट्रविरोधी तत्वों, अराजकतावादियों और अर्बन नक्सल्स के हाथ में खेल रही है। बिना सिर-पैर के कम्युनिस्ट संस्थान की रिपोर्ट को आधार बनाकर देश में अराजकता पैदा करने में लगी कांग्रेस का रवैया बेहद निंदनीय है और भारत के सशक्त लोकतंत्र को कठघरे में खडा करने की इस कांग्रेसी साज़िश की भाजपा घोर भर्त्सना करती है।
श्री चंद्राकर ने कहा कि फोन टैपिंग का कांग्रेस का लंबा दागदार इतिहास रहा है। उसके ‘हाथ’ ऐसे अनेक पापों से रंगे हुए हैं। यूपीए शासनकाल में आलम यह था कि हर महीने 9000 से अधिक फोन टैप किए गए और तब के पीएम मनमोहन सिंह ने सारा ठीकरा एक प्राइवेट एजेंसी पर फोड़ दिया था। यानी उन्होंने इस जासूसी की बात स्वीकार की थी। इसी तरह 2010 में भी पीएम मनमोहन सिंह ने माना कि टॉप कार्पोरेट शख्सियतों के फोन टैप किए गए हैं। सच तो यह है कि शैल मीडिया कम्पनियों के जैसे-जैसे खुलासे सामने आ रहे हैं, वैसे-वैसे कांग्रेस की बौखलाहट चरम पर पहुँच रही है। जिस कम्पनी ‘एनएसओ’ का सॉफ्टवेयर ‘पेगासस’ होना बताया जा रहा है, उसने भी साफ़ कर दिया है कि वह एशिया में अपना कारोबार सामान्यतः करती ही नहीं है। उस कम्पनी ने सीधे तौर पर निराधार खबर छापने के लिए संबंधित समाचार कम्पनी के मालिक को पत्र लिखा है, उसने ‘वायर’ के खिलाफ मानहानि की बात भी की है। जिस संस्थान ‘वायर’ ने यह कपोल-कल्पित खबर छापी है, उसके वरदराजन का भी कहना है कि इसमें राहुल गांधी का नाम नहीं है। श्री चंद्राकर ने कहा कि इसके बावज़ूद अपनी डूबती नैया को किनारे लगाने, बुरी तरह अप्रासंगिक हो गए राहुल जैसे नेताओं को चर्चा में लाने ऐसा शिगूफा कांग्रेसी छोड़ रहे हैं, यह हास्यास्पद और बचकाना है। प्रदेश कांग्रेस द्वारा बेजा आरोप लगाए जाने पर श्री चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश में जिस पार्टी की सरकार के मुखिया पर ही कथित जासूसी कर नकली अश्लील सीडी बनाने के घृणित आरोप हों, जिस आरोप में वे सीबीआई से चार्जशीटेड और ज़मानत पर बाहर हों, ऐसे दल की विश्वसनीयता क्या है, और किस मुँह से वे बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं?