रायपुर। संसदीय सचिव विकास उपाध्याय आज एक डिबेट में चर्चा करते हुए बस्तर क्षेत्र में धर्मांतरण जैसे किसी घटना से साफ इन्कार किया है और उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी बस्तर अंचल में आदिवासियो के बीच अपनी कमजोर होती राजनैतिक स्थिति को देखते हुए बेवजह के सरकार पर आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा, कांग्रेस शासनकाल में धर्मांतरण जैसे चीजों के लिए कोई स्थान नहीं है और बस्तर अंचल के आदिवासी समुदाय के लोगों को किसी तरह की इसे लेकर शिकायत है तो सरकार इसे गंभीरता पूर्वक विचार कर आदिवासियों के हित में वो सभी कार्य करेगी जो वहाँ के आदिवासी चाहते हैं।
सदीय सचिव विकास उपाध्याय आज एक प्रतिष्ठित टीवी चैनल के डिबेट में चर्चा करते हुए पूर्व गृहमंत्री एवं भाजपा के नेता रामविचार नेताम को धर्मांतरण को लेकर उनके द्वारा उठाए गए सवाल पर ही सवाल कर घेरने का प्रयास किया। विकास उपाध्याय ने कहा, भाजपा शासनकाल के 15 वर्षों में जिस तेजी से धर्मांतरण हुए वह किसी से छुपा नहीं है। आश्चर्य की बात है कि उस दौरान ऐसे प्रकरणों में किसी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसलिए कि भाजपा अपने शासन यंत्र का उपयोग कर इस तरह के कार्यों में स्वयं लिप्त थी और आज जब इन्हीं वजहों से पूरे बस्तर अंचल में आदिवासी समुदाय के बीच भाजपा की पकड़ पूरी तरह से समाप्त होते नजर आ रही है तो वह धर्मांतरण जैसे मुद्दे को तुल देकर आदिवासियों के बीच गलतफहमी पैदा कर रही है। उन्होंने कहा, कांग्रेस शासनकाल में छत्तीसगढ़ के किसी भी क्षेत्र में धर्मांतरण जैसा एक भी प्रकरण इन ढाई वर्षों में नहीं आया। न ही सरकार के संज्ञान या भाजपा या किसी राजनैतिक पार्टीयों द्वारा इस तरह की शिकायत मिली है कि बल पूर्वक धर्मांतरण करवाया जा रहा है।
विकास उपाध्याय ने आगे कहा, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ही नहीं बल्कि प्रशासन भी पूरी तरह से सतर्क है कि इस तरह के किसी कार्यों को पनाह नहीं दी जाएगी। उन्होंने सुकमा एसपी द्वारा कलेक्टर को लिखे पत्र का उल्लेख करते हुए कहा, एक भाजपा पार्षद द्वारा बगैर प्रमाण के इस तरह की धर्मांतरण होने की बात एसपी को शिकायत की गई थी, परन्तु वहाँ के एसपी ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए शिकायत पर संज्ञान लेने मातहत अधिकारियों को निर्देश दिए और यदि हमारी सरकार की मंशा धर्मांतरण की होती तो एसपी द्वारा इस तरह की त्वरित कार्यवाही करने संज्ञान में नहीं लिया जाता।
उन्होंने कहा, भाजपा 15 वर्षों में आदिवासियों के मूलभूत आवश्यकताओं व उनके जरूरतों को लगातार नजरअंदाज किया। यही वजह थी कि उनके कार्यकाल में धर्मांतरण के प्रकरण लगातार आ रहे थे, परन्तु आज हमारी कांग्रेस की सरकार बस्तर अंचल के दुरूस्त जंगलों के बीच रहवासियों को राशन पहुँचाने से लेकर स्वास्थ्य एवं अन्य मूलभूत आवश्यकताओं को पूर्ति करने लगातार काम कर रही है और इन परिस्थितियों में आदिवासियों को अन्य धर्म में किसी लालच या दबाव में जाने की जरूरत ही नहीं पड़ रही है। इससे साफ है कि धर्मांतरण जैसा कोई मुद्दा बस्तर में है ही नहीं।