*मोदी सरकार की किसान विरोधी नीति के कारण राज्य को पर्याप्त खाद नहीं मिल रहा*
*रायपुर/11 जुलाई 2021।* भाजपा की केन्द्र सरकार का चरित्र किसान विरोधी है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मोदी सरकार ने राज्य के द्वारा खरीफ की फसल के लिये मांगे गये लगभग 12 लाख टन उर्वरकों में से जून माह में दिये जाने वाले कोटे का सिर्फ 45 प्रतिशत ही सप्लाई किया, जिसके कारण राज्य के किसानों को खाद मिलने में परेशानियां हो रही है। जून-जुलाई महिना छत्तीसगढ़ के किसानों के लिये खेती की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस महिने किसानों को पर्याप्त खाद नहीं मिलने से उनकी खेती और बोनी प्रभावित हो रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राज्य के लिये पहले मांगे गये 12 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों के अतिरिक्त 3 लाख और डीएपी तथा यूरिया की मांग किया था केन्द्र कोटा बढ़ाने के बदले पहले निर्धारित कोटे को भी समय पर नहीं दे रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मोदी सरकार की प्राथमिकता में किसान और खेती है ही नहीं। अगर केंद्र सरकार सचमुच किसानों का हित चाहती, तो खाद के दाम नहीं बढ़ाती। खाद के दाम बढ़ाकर कम भी किये गये तो हजारों करोड़ों का लाभ खाद कंपनियों को पहुंचाया गया है। डीजल के दाम आसमान नहीं छू रहे है। डीजल के दाम बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रूपयें केन्द्र की भाजपा सरकार ने आम उपभोक्ताओं और खासकर किसानों के जेब से निकाल लिये। कीटनाशक दवाइयों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हो गयी है। किसानों द्वारा उत्पादित अनाजों के समर्थन मूल्य में मात्र एक प्रतिशत से चार प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भाजपा ने किसानों को लाभ नहीं पहुंचाया, सिर्फ कार्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने का काम किया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों के अनुरूप लागत पर 50 प्रतिशत लाभ की बात जुमला निकली। 15 साल तक भाजपा ने छत्तीसगढ़ में भी किसानों से धोखाधड़ी ही की है। 2022 तक किसानों की आय दुगुना करना तो दूर 3 काले किसान विरोधी कानून लाकर किसान हित पर कुठाराघात किया। खाद महंगी, डीजल महंगा, कीटनाशक दवाओं को महंगी कर फसलों की उत्पादन लागत बढ़ी। भाजपा और भाजपा की केंद्र सरकार की प्राथमिकता में किसान नहीं, किसानों से धोखाधड़ी हैं। जमीनी सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों से किसान हलाकान हैं। किसानों की आय दोगुना करने का वादा कर सत्ता हासिल करने वाली भाजपा की केंद्र सरकार ने वादा निभाना तो दूर किसानों के साथ खुलेआम दगाबाजी की है।