प्रदेश सरकार बताए कि 50 फ़ीसदी वे आयुष्मान कार्डधारी कहाँ-कहाँ और किस-किस दर की ठोकरें खाने के लिए मज़बूर किए जाएंगे, जिनका इलाज इन अस्पतालों में नहीं हो सकेगा:कौशिक
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि पर्याप्त सुविधासंपन्न सरकारी अस्पताल खोलने और ज़रूरतमंदों को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के बजाय अब प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में निजी अस्पतालों के लिए सरकारी तौर पर अनुदान देने जा रही है। गाँवों में निजी अस्पताल के लिए 30 लाख रुपए का अनुदान देने वाली प्रदेश सरकार इसकी कार्ययोजना तैयार तक कर चुकी है। श्री कौशिक ने कहा कि अपनी सरकार के ही स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की इस मुद्दे पर खुली असहमति को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अनसुना कर प्रदेश को सरकारी स्तर पर अच्छी स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की अपनी ज़िम्मेदारी से बचना चाह रही है, साथ ही निजीकरण के मुद्दे पर अपने दोहरे राजनीतिक चरित्र का परिचय देने में भी नहीं हिचकिचा रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि अपनी ही सरकार में इस मुद्दे पर हो रही किरकिरी के चलते अब मुख्यमंत्री तरह तरह की बाते कर खुद के बचाव में लगे है श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने जिस युनिवर्सल हेल्थ स्कीम को शुरू करने का हंगामा खड़ा किया था, उस स्कीम को आज तक धरातल पर नहीं उतार पाने वाली प्रदेश सरकार सरकारी अनुदान से निजी अस्पताल खोलने की योजना में देश के बड़े राज्यों की दिलचस्पी का झूठ फैला रही है।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने इस बात के लिए भी प्रदेश सरकार पर निशाना साधा कि गाँवों में अस्पताल खोलने में आने वाले ख़र्च से बचकर 30 लाख रुपए अनुदान देकर वह छुट्टी पाना चाह रही है और प्रदेश के ग़रीबों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित करना चाहती है। सरकारी अनुदान से गाँवों में खुलने वाले इन निजी अस्पतालों में आयुषमान कार्डधारियों के इलाज को लेकर प्रदेश सरकार की नीति को भेदभाव पैदा करने वाली बताकर श्री कौशिक ने सवाल किया कि प्रदेश सरकार बताए कि इन कार्डधारियों में 50 फ़ीसदी वे लोग कहाँ-कहाँ और किस-किस दर की ठोकरें खाने के लिए मज़बूर किए जाएंगे, जिनका इलाज सरकारी शर्तों के मुताबिक़ इन अस्पतालों में नहीं हो सकेगा? श्री कौशिक ने कहा कि हर मोर्चे के अलावा कोरोना की रोकथाम में अपनी असफलता को छिपाने के लिए सरकार फिर एक गलत फैसला लेने जा रही है अगर सरकार की नीयत, नीति और नेतृत्व में ईमानदारी होती तो वह मौज़ूदा सरकारी अस्पतालों को और ज़्यादा सुविधाएँ मुहैया कराती, पर्याप्त सुविधासंपन्न नए सरकारी अस्पताल खोलकर ज़रूरतमंदों को राहत पहुँचाती।