शराब से 6000 करोड़ का राजस्व वसूलने का लक्ष्य रखने वाली सरकार कैसे करेगी शराबबंदी?मूणत
शराब से सेस हटाकर फिर शराब के रेट बढ़ाने वाली सरकार की नीयत में शराबबंदी है ही नही:राजेशमूणत
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने शराब के मुद्दे पर प्रदेश सरकार पर एक बार फिर हमला बोलते हुए सवाल दागा है कि कोरोना सेस हटाने का क्या यह मतलब निकाला जाए? श्री मूणत ने कहा कि सेस हटाकर प्रदेश सरकार शराब की बिक्री पर रोक लगाने की नीयत नहीं दिखा रही है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री मूणत ने कहा कि पूर्ण शराबबंदी के लिए गंगाजल की कसमें खाने वाले कांग्रेस नेता अब शराब के मुद्दे पर तरह-तरह की गोलमोल बातें कर अपने वादे से पल्ला झाड़ रहे हैं। कोरोना सेस हटाने के बाद शराब की घोषित नई क़ीमतों पर श्री मूणत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने शराब को अपनी कमाई का ज़रिया बना लिया है और इस वर्ष इस मद से 6 हज़ार करोड़ रुपए की कमाई का लक्ष्य तय कर प्रदेश सरकार ने अपनी नीयत जगज़ाहिर कर दी है। शराब की नई क़ीमतें भी प्रदेश सरकार की कमाई के इरादों का संकेत कर रही हैं। श्री मूणत ने कहा कि कोरोना सेस के नाम पर जो राशि प्रदेश सरकार ने वसूली है, उसका कोई हिसाब तक नहीं दिया जा रहा है। श्री मूणत ने जानना चाहा कि आख़िर प्रदेश सरकार ने कोरोना सेस का क्या इस्तेमाल हुआ? क्या कांग्रेस आलाकमान के कहने पर यह वसूली की गई और अब कमाई का कोटा पूरा हो गया है, जो इसे हटाया गया है? श्री मूणत ने इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार से सेस से हुई कमाई का पूरा हिसाब देकर स्थिति साफ़ करने की मांग की है,जिस प्रकार से सरकार शराब को।लेकर नीतियां बना रही है उससे साफ है कि शराबबंदी का वादा एक छल के सिवा कुछ नही।