दुर्ग, 28 जून 2021। जिले में गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन 1 जुलाई से 15 जुलाई 2021 तक किया जाएगा है। पखवाड़े का उददे्श्य 0-5 वर्ष के बच्चों में डायरिया से होने वाली मृत्युओं की रोकथाम के लिए शीघ्र उपचार से शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है। गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़े की गतिविधियां की जानकारी के लिए जिले के समस्त बीएमओ व बीपीएम की ऑनलाइन बैठक ली गयी है। ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक व मितानिनों को डायरिया केस प्रबंधन, ओआरएस, जिंक टेबलेट, उपचार तथा काउंसलिंग पर आधारित प्रशिक्षण और टूल किट प्रदान किया जा रहा है। जिले के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वा. केन्द्र, उपस्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों में ओरल डिहाइड्रेशन ट्रीटमेंट(ओआरटी) कार्नर बनाए जाएंगे।
सीएमएचओ डॉ. गम्भीर सिंह ठाकुर ने बताया, “पखवाड़ा के दौरान रथ के माध्यम से डायरिया नियंत्रण के उचित उपाय, खानपान एवं साफ-सफाई से संबंधित जानकारी लाउड स्पीकर द्वारा दी जाएगी। पखवाड़े के दौरान सभी स्वास्थ्य केंद्रों के टंकियों की सफाई अनिवार्य रूप से कराने को स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से घर-घर भ्रमण कर ओआरएस, जिंक की गोली का वितरण एवं घोल बनाने की विधि बताई जाएगी। गंभीर डायरिया के लक्षणयुक्त बच्चे को इलाज के लिए उच्च स्वास्थ्य संस्था में रेफर किया जाएगा। उन्होंने बताया, इसके अलावा आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को हाथ धुलाई के सही विधि सिखाई जाएगी तथा साफ-सफाई से संबंधित शिक्षा दी जाएगी। गर्भवती माताओं को स्वास्थ्य कार्यकताओं के माध्यम से उचित खान-पान एवं शिशु पोषण आहार की जानकारी तथा दस्त के दौरान क्या करें एवं क्या ना करे के बारे में बताया जाएगा। मितानिन द्वारा पारा मुहल्ला में भ्रमण के दौरान 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों के घरों में ओआरएस पैकैट का वितरण तथा इसके उपयोग के संबंध में ओआरएस घोल बनाने की विधि को सिखायी जाएगी”।
सीएमएचओ डॉ. ठाकुर का कहना है, “डायरिया की रोकथाम एवं प्रबंधन के लिए कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए घरों में तथा कुएं, जल स्रोतों की साफ-सफाई एवं संक्रमण की रोकने के लिए क्लोरीन टेबलेट्स वितरित की जाएगी। गांव-गांव में मितानिन व ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक द्वारा गृह भ्रमण के दौरान हाथ धोने की विधि का प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं भोजन से पहले भी साबुन तथा पानी से हाथ धोने के लिए प्रोत्साहित करने लोगों को जागरुक किया जाएगा।“ डायरिया से ग्रसित बच्चों का प्रबंधन और अति गंभीर कुपोषित बच्चों को उपचार उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दी गई है। उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों जैसे ईंट भट्ठों, खानाबदोश स्थल, बाढ प्रभावित क्षेत्र, प्रवासी मजदूर, मलीन बस्ती, बेघर रहने वाले बच्चों तक ओआरएस स्थानीय प्रशासन के सहयोग से उपलब्ध कराया जाएगा। हेल्थ वर्करों व फ्रंट लाइन वर्करों को कोविड-19 अनुरूप व्यवहारों का पालन करते हुए मास्क, फिजिकल डिस्टेंसिंग व सैनिटाइजर का उपयोग करना जरुरी होगा।