रायपुर। भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को प्रदेशभर में महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। राजधानी रायपुर में भाजयुमो के एक प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल से मुलाकात की और ज्ञापन दे कर अपनी मांग रखी। भाजयुमो के प्रदेश मीडिया प्रभारी उमेश घोरमोड़े ने बताया कि छत्तीसगढ़ के लगभग 3 लाख विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के मद्देनजर 12वीं की परीक्षा के विषय में पुनर्विचार करने एवं उत्तर पुस्तिका जमा करने के नाम पर भीड़ एकत्रीकरण की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने की मांग को लेकर राजधानी रायपुर में भाजयुमो के प्रतिनिधि मंडल जिसमे भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू, हेमंत सेवलानी, अमित मैशेरी, उमेश घोरमोड़े, विपिन साहू, गोविंदा गुप्ता शामिल थे ने महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन दिया, साथ ही प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में जिला कलेक्टर को राज्यपाल के नाम भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपा।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू ने कहा कि परीक्षा किसी भी विद्यार्थी के मूल्यांकन का एक बड़ा माध्यम होता है, परंतु उत्तर पुस्तिका जमा करवाने के नाम पर भीड़ एकत्रित कर विद्यार्थियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ उचित नहीं हैं। जब सारे उत्तर सोशल मीडिया में उपलब्ध हैं तो मूल्यांकन का तो सवाल ही खत्म हो जाता है। अब सिर्फ संक्रमण का विषय बचता है, ऐसी स्थिति में जब यह छात्र आगामी 11 तारीख तक परीक्षा केंद्र में अपनी उत्तर पुस्तिका जमा करने जाएंगे, तो व्यवस्थाएं नियंत्रण से परे होंगीं, संक्रमण का खतरा होगा।
भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू ने कहा कि संक्रमण के खतरे को देखते हुए बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता में रखते हुए सीबीएसई की परीक्षा रद्द कर दी गयी हैं अन्य कई राज्यों ने 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी हैं ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार को हठधर्मिता छोड़ इस विषय पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस मामले में अपने केंद्रीय नेतृत्व को भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने सभी राज्यों से छात्र हित में परीक्षा रद्द करने की मांग की है। उत्तरप्रदेश के साथ ही कांग्रेस शासित राजस्थान जैसे कई अन्य राज्यों में भी परीक्षाएँ रद्द कर दी गई हैं परंतु छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार उत्तर पुस्तिका एकत्रीकरण के नाम पर भीड़ एकत्रित कर रही हैं यह बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं तो और क्या हैं। छत्तीसगढ़ सरकार का निर्णय विद्यार्थी, अभिभावकों और शिक्षा विभाग के कर्मचारीयों सभी के लिए संक्रमण का बड़ा कारण बन सकता हैं। प्रदेश सरकार को इस विषय पर पुनर्विचार करना चाहिए और तत्काल उत्तर पुस्तिका जमा करने के नाम पर भीड़ एकत्रित करने के निर्णय पर रोक लगानी चाहिए।