गरियाबंद। आज दुनियाभर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है. हर साल 5 जून के दिन दुनियाभर में विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन किया जाता है. इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करना है.
आधुनिकता की दौड़ में भाग रहे प्रत्येक देश के बीच धरती पर हर दिन प्रदूषण काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है. जिसके दुष्परिणाम समय-समय पर हमें देखने को मिलते हैं. पर्यावरण में अचानक प्रदूषण का स्तर बढ़ने से तापमान में भी तेजी देखी जा रही है तो कहीं कहीं पर प्रदूषण के बढ़े हुए स्तर के कारण लंबे समय से बारिश भी नहीं हो पाती. ऐसे में लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करने के लिए हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है.
दुनियाभर में 5 जून के दिन हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. इस दिन कई कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों को पर्यावरण और प्रदूषण से हो रहे नुकसान के प्रति जागरुक किया जाता है. प्रदूषण का बढ़ता स्तर पर्यावरण के साथ ही इंसानों के लिए खतरा बनता जा रहा है. इसके कारण कई जीव-जन्तू विलुप्त हो रहे हैं. वहीं इंसान कई प्रकार की गंभीर बिमारियों का शिकार भी हो रहे हैं.
विश्व पर्यावरण दिवस की थीम
विश्व पर्यावरण दिवस मनाए जाने से पहले हर साल के लिए एक थीम का चयन किया जाता है. विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम ‘पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली (Ecosystem Restoration)’ है. जंगलों को नया जीवन देकर, पेड़-पौधे लगाकर, बारिश के पानी को संरक्षित करके और तालाबों के निर्माण करने से हम पारिस्थितिकी तंत्र को फिर से रिस्टोर कर सकते हैं.
संजीव साहू नोडल अधिकारी-
पर्यावरण में हो रहे बदलाव और उसको पहुंचने वाले नुकसान की वजह से हर साल तापमान और प्रदूषण बढ़ रहा है। तेज़ी से बढ़ता तापमान और प्रदूषण इंसानों के साथ-साथ पृथ्वी पर रह रहे सभी जीवों के लिए बड़ा ख़तरा बन गया है। इसी वजह से कई जीव-जन्तू विलुप्त हो रहे हैं। साथ ही इंसानों को भी सांस और हृदय से जुड़ी बीमारियां हो रही हैं। धीरे-धीरे हमारी ज़िंदगी मुश्किल होती जा रही है। इसलिए पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करना ज़रूरी हो गया है।
जी डी उपासने- कोच
हर साल विश्व पर्यावरण दिवस के लिए एक थीम रखी जाती है और इस साल की थीम है ‘पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली’ (Ecosystem Restoration है। पारिस्थितिक तंत्र की बहाली कई तरह से की जा सकती है, जैसे- शहर-गांव को हरा-भरा करना, पेड़ लगाना, जगह-जगह बगीचों को बनाना, नदियों और समुद्र की सफाई करना आदि।पर्यावरण से ही हम हैं, हर किसी को पर्यावरण के लिए काम करना चाहिए।
आखिर मानवता का अस्तित्व प्रकृति पर ही निर्भर करता है। प्रकृति को बचाने के लिए सिर्फ एक अकेला व्यक्ति काफी नहीं है, इसलिए हम सभी को साथ आना चाहिए और समय रहते एक स्वस्थ और सुरक्षित पर्यावरण के लिए काम करना चाहिए।
टिंकु ठाकुर-राष्ट्रीय खिलाड़ी
हम सभी को मिलकर अपने पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए, क्योंकि स्वस्थ एवं सुरक्षित पर्यावरण के बिना समाज की कल्पना भी अधूरी है।
हमारे जीवन में कई चीजों का महत्व है, जिसमें से एक हमारा पर्यावरण भी है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम अपने पर्यावरण की रक्षा करें, लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इंसान ही सबसे ज्यादा पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। पेड़ों की कटाई से लेकर घने जंगलों को सपाट बनाने जैसे कई काम इंसानों ने ही किए हैं। हर साल काफी बड़ी संख्या में पेड़ काटे जाते हैं जो कि पूरी तरह गलत है। ऐसे में विश्व पर्यावरण दिवस हमें इन सब चीजों के दुष्प्रभाव के बारे में बताने और पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का काम करता है।
विजय कश्यप-कोच
पर्यावरण को सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से हर साल की तरह इस साल भी 5 जून को हमारे कान्हा क्लब द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है. जैसा कि हम जानते है कि पेड़ों की अत्यधिक कटाई की वजह से पर्यावरण को पिछले कुछ दशकों में काफी नुकसान हुआ है. इसकी वजह से अब दुनियाभर के इकोसिस्टम में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहे हैं. पर्यावरण का बिगड़ता संतुलन और बढ़ते प्रदूषण से पूरी दुनिया जूझ रही है. इन गंभीर समस्याओं से उबरने का एक मात्र उपाय दुनियाभर के पर्यावरण को हरा भरा बनाना है. यह तभी संभव है जब लोग पेड़ों के संरक्षण के प्रति जागरुक हो..वही इस मौक़े पर खिलाड़ी और कोच संजीव साहू जी डी उपासने सूरज महाडिक विजय सिन्हा जीतूँ सेन लछि यादव होरी यादव विजय कश्यप छगन यादव महेंद्र यादव ललित साहू रवि यादव लाला यादव टिंकु ठाकुर कमलेश यादव रमन साहू गुनचु यादव रासो अख़्तर खान जयमूनी बागरती प्रीत सोनी उपस्थित रहे