विद्यार्थीगण कोविड -19 प्रोटोकाल के संदेशों का स्वयं कड़ाई से पालन करते हुए परिवार के सदस्यों, परिजनों एवं पड़ोसियों से भी कराएं पालन – राज्यपाल
कोरोना महामारी नियंत्रण हेतु आमजन को जागरूक करने में विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों व छात्र-छात्राओं की भूमिका महत्वपूर्ण
हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम पर ऑनलाइन जागरूकता कार्यकम आयोजित
कोरोना से डरो नहीं, उससे लड़ो, वैक्सीन लगाओ, जान बचाओ
रायपुर 28 अप्रैल/ कोविड-19 की संकट की घड़ी में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम पर आज ऑनलाइन आयोजित जागरूकता कार्यकम “करोना से डरो ना- वैक्सीन है ना” को संबोधित करते हुए राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि कोरोना से लड़ाई जीतने में सकारात्मक सोच और हौसले की बहुत बड़ी भूमिका होती है।उच्चशिक्षा संस्थान होने के नाते विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों का यह दायित्व है कि वे आम जन मानस तथा विद्यार्थियों में कोरोना से बचाव तथा सावधानियां एवं भ्रामक बातों से दूर रहने के लिये जागरूकता फैलाएं। यह सराहनीय है कि प्रदेश के समस्त राजकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग प्रथम विश्व विद्यालय है जिसने विद्यार्थियों के हित में सर्वप्रथम यह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया है। उन्होंने कहा कि इस जागरूकता कार्यक्रम की थीम “कोरोना से डरो ना- वैक्सीन है ना” रखी गई है। राज्य में आगामी 1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के युवाओं को कोरोना से बचाव हेतु वैक्सीन लगाई जायेगी। वैक्सीन को लेकर बहुत सारे लोगों के मन में भ्रांतियां हैं। उन्होंने वैक्सीन की तुलना संजीवनी से करते हुए कहा कि जो टीका लगाएगा वह खतरनाक स्थिति में नहीं जाएगा और साधारण तौर पर ही संक्रमण होगा तो ठीक हो जाएगा।
कोरोना से संक्रमित हो जाने पर भी हमें घबराना नही चाहिए, क्योंकि हमारे श्वसन तंत्र पर मनौवैज्ञानिक दवाब का बहुत प्रभाव पड़ता है। घरों में उपयोग में आने वाले दैनिक प्रयोग की वस्तुएं जैसे नीबू कालीमिर्च, सोंठ, अदरक, दालचीनी, नीम की पत्तियां, कपूर, लौंग, इलायची आदि के प्रयोग से भी हम काफी हद तक अपना स्वास्थ्य अच्छा बनाये रख सकते हैं। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि प्रतिदिन भाप लेना, गरम पानी का सेवन तथा गरारे करने को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें।
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग द्वारा निर्मित पोर्टल पर कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु विभिन्न स्लोगन वाले पोस्टर का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले लगभग दो लाख विद्यार्थियों को यह मैसेज विश्वविद्यालय जागरूकता कार्यक्रम के तहत भेजा जायेगा, यह बहुत ही अच्छा प्रयास है।
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि छात्र-छात्राओं का यह दायित्व है कि विश्वविद्यालय द्वारा भेजे गये कोविड -19 प्रोटोकाल के संदेशों का स्वंय कड़ाई से पालन करते हुए अपने परिवार के सदस्यों, परिजनों एवं पड़ोसियों से भी पालन कराएं। यह आपके हमारे सभी के लिये महत्वपूर्ण है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे भी इन सन्देशों को अपने मोबाईल मैसेज बाक्स से अपने सपंर्क वालों को भेजें ताकि इनका प्रचार प्रसार हो सके। उन्होंने कहा कि दुर्ग विश्वविद्यालय की एन.एस.एस. इकाई ने सराहनीय कार्य किया है इसके लिए मैं सभी को बधाई देती हूँ।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि कोविड-19 की संक्रमण की इस घड़ी में मास्क पहनना, सेनेटाइजर का प्रयोग तथा सोशल डिस्टेसिंग ही हमारे बचाव के प्रमुख उपाय है। इस कार्यक्रम से जुड़े सभी लोगों से मेरी अपेक्षा है कि वे डॉ. नेरल द्वारा कोरोना वैक्सीन से संबंधित दी गई महत्वपूर्ण जानकारी को और अधिक लोगों तक पहुंचायें तभी आज के इस कार्यक्रम की सार्थकता सिद्ध हो सकेगी। आप अपने आप को, अपने परिवार, पड़ोसी समाज को कोरोना संक्रमित होने से बचाव हेतु हर संभव प्रयास करें। महामारी से बचने के लिये प्रदेश एवं देश के सभी नागरिकों को एकजुट होकर अपने कर्तव्यों को निभाना है, तभी हम इस महामारी पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो हिम्मत हारते हैं, जिंदगी हार जाते हैं, जिनमें हौसला होता है वह बाजी मार जाते हैं। कोरोना से लड़ने के लिए आत्मबल की जरूरत है इसलिए कोरोना से डरो नहीं, कोरोना से लड़ो।
राज्यपाल ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि हम कोविड से बहुत अधिक भयभीत हो गये हैं जिसकी वजह से अवसाद की स्थिति निर्मित हो रही है। मेरा ऐसा मानना है कि कोविड से भयभीत न हों मुकाबला करें और आत्मबल एवं संयम रखें।सकारात्मक भाव रखें, अपने लिये, अपने परिवार, पड़ोसियों, मित्रों के लिये, प्रदेश एवं देश के लिये अच्छा सोचें, अपने ईश्वर पर भरोसा रखें वह जो भी करेगें वह हमारे अच्छे के लिये ही होगा।
उन्होंने कहा कि हमने महामारी को हल्के रूप में लेकर कोविड प्रोटोकाल एवं बिहेवियर जो कि समय समय पर चिकित्सा विज्ञानियों के परामर्श से सरकार द्वारा जारी किये गये हैं, उनका पालन करना छोड़ दिया था जिसके परिणामस्वरूप आज यह भयावह स्थिति आ गई है। उन्होंने कहा कि हम सब चिकित्सकों, मनौवैज्ञानिकों, अध्यात्मिक गुरूओं, शासन द्वारा बताए जा रहे उपायों का पालन करें। हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति, योग, व्यायाम, आहार, विहार, दिनचर्या का पालन करें तो निश्चित रूप से हम इस महामारी से मुक्ति पा सकते हैं। उन्होंने दुर्ग विश्वविद्यालय की युवा वित्त अधिकारी श्रीमती ज्योत्सना शर्मा के कोरोना संक्रमण से निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों की ऑनलाईन रूप से परीक्षाएं आयोजित होने जा रही है। सभी विद्यार्थी ईमानदारी के साथ इन परीक्षाओ मे शामिल हो।
जागरूकता कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा, मुख्य वक्ता डॉ. अरविंद नेरल, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. सी.एल. देवांगन, सीनियर एडव्होकेट श्री दिवाकर सिन्हा, कार्यक्रम के संचालक डीएसडब्ल्यू डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, एनएसएस के समन्वयक डॉ. आर.पी. अग्रवाल में भी संबोधित कर विद्यार्थियों को कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु प्रभावी तरीके से लोगों को जागरूक करने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं प्राध्यापकगण, एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी तथा विद्यार्थीगण उपस्थित थे।