रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने कोरोना संक्रमण के इलाज में काम आने वाले रेमिडेसिविर इंजेक्शन की प्रदेश सरकार द्वारा दुगुने दाम पर ख़रीदी को लेकर जमकर निशाना साधा है। इंजेक्शन को लेकर पूरे प्रदेश में मची मारामारी के बीच छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) द्वारा दुगुनी से अधिक क़ीमत पर 90 हज़ार वायल रेमिडेसिविर इंजेक्शन ख़रीदी के इस खुलासे ने प्रदेश सरकार की बदनीयती पर मुहर लगा दी है और भ्रष्टाचरण करके अब प्रदेश की आर्थिक सेहत को यह सरकार वेंटीलेटर पर पहुँचाने पर आमादा है। श्री सिंहदेव ने कहा कि इससे प्रदेश सरकार की बदनीयती साफ़ तौर पर झलक रही है और यह आपदा में भी भ्रष्टाचार करके अपने लिए आर्थिक हितों के अवसर तलाशने की कांग्रेस की घिनौनी राजनीतिक संस्कृति का परिचायक है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री सिंहदेव ने सवाल किया कि जिस माइलन कंपनी ने पहले टेंडर में 726 रुपए प्रति वायल दर कोट की थी, उसी कंपनी से दूसरे टेंडर में 1568 रुपए में यह इंजेक्शन ख़रीदने का निर्णय क्यों और किसके इशारे पर लिया गया? 14 करोड़ 11 लाख 20 हज़ार रुपए की इस ख़रीदी में सीधे तौर पर 6 करोड़ 53 लाख 40 हज़ार रुपए का चूना लगाया जाना साफ़ संकेत कर रहा है कि प्रदेश सरकार और उसके नौकरशाह प्रदेश के खजाने को पलीती लगाने में कोई क़सर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं। श्री सिंहदेव ने कहा कि जब 31 मार्च 2021 को खुली निविदा में सिप्ला कंपनी ने इसी इंजेक्शन के लिए 665 रुपए का कोटेशन दिया था तो उससे प्रदेश सरकार को इस इंजेक्शन की ख़रीदी में महज़ 5 करोड़ 98 लाख 50 हज़ार रुपए ही ख़र्च करने पड़ते। श्री सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश सरकार के अब तक के कार्यकाल में किए गए घोटालों को लेकर केंद्र सरकार तक पूरी रिपोर्ट भेजी जाएगी और केंद्र सरकार से प्रदेश में सीधे हस्तक्षेप की मांग की जाएगी। कोरोना काल में भी आर्थिक घोटाले का यह ख़ुलासा इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश सरकार को भ्रष्टाचार की सारी हदें पार करके केवल अपने आर्थिक हितों के पोषण में लगी है और प्रदेश के कोरोना मरीजों के प्रति उसकी संवेदनाएँ मर चुकी हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री सिंहदेव ने कहा कि अपने कार्यकाल में इस प्रदेश सरकार की नीयत, नीति और नेतृत्व के मद्देनज़र केंद्र सरकार से सीधे हस्तक्षेप की अब आवश्यकता प्रतीत हो रही है। श्री सिंहदेव ने प्रदेश सरकार पर दोगलेपन की सारी हदें पार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर प्रदेश सरकार वैक्सीन और उसकी क़ीमत को लेकर घटिया राजनीति करके प्रदेश को भरमाने में लगी है, वहीं कोरोना के इंजेक्शन की दुगुनी से ज़्यादा क़ीमत पर ख़रीदी कर रही है। श्री सिंहदेव ने कहा कि जिस इंजेक्शन को कंपनी 595 (जीएसटी अतिरिक्त) रुपए में दे रही है, उसे प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार करके 1568 रुपए में ख़रीदकर क्या इस बात के लिए ज़रा भी शर्म महसूस कर रही है कि एक तरफ़ कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजन रेमिडेसिविर इंजेक्शन के लिए दर-दर की ठोकरें खाने मज़बूर हैं और उन्हें तमाम मशक़्क़त के बाद भी उन्हें इंजेक्शन हज़ारों रुपए ख़र्च करने पर बमुश्क़िल मिल रहा है! श्री सिंहदेव ने कहा कि रेमिडेसिविर इंजेक्शन की ख़रीदी के इस पूरे मामले को पीड़ित मानवता के प्रति प्रदेश सरकार का बेहद कलंकित आचरण बतातते हुए इसकी उच्चस्तरीय जाँच की मांग करते हुए सभी दोषियों के ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।