रायपुर, 19 मार्च 2021/ प्रदेश में संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के प्रचार्यों और विशेष शिक्षकों के उन्मुखीकरण और क्षमता विकास प्रशिक्षण सत्र को सम्बोधित करते हुए संचालक आदिम जाति विकास विभाग श्रीमती शम्मी आबिदी ने कहा कि ज्ञान अर्जन एक सतत् प्रक्रिया है। व्यक्ति जीवन भर कुछ न कुछ सीखता रहता है और अपने ज्ञान में वृद्धि करता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थियों को पढ़ाना और उनका बेहतर भविष्य बननाना एक महत्वपूर्ण कार्य है। जिसे एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के प्राचार्य और विषय शिक्षक बखूबी निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण सत्र का पूरा लाभ उठाए और अपनी शंकाओं से विषय विशेषज्ञों को अवगत कराएं, ताकि वे उसका बेहतर समाधान बता सके।
उल्लेखनीय है कि ठाकुर प्यारेलाल राज्य ग्रामीण विकास संस्थान निमोरा में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के प्राचार्यों और विषय शिक्षकों का उन्मुखीकरण और क्षमता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम 9 मार्च से जारी है, इसका समापन 25 मार्च को होगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को नवीन शिक्षण पद्धतियों से अवगत कराना, उनमें पेशेवर क्षमतावर्धन करना है। इससे विषय की बेहतर समझ का विकास होगा, जिससे वे विद्यार्थियों को बहुत ही सरल माध्यम से विषय संबंधी ज्ञान दे सके। गौरतलब है कि सीबीएसई पैटर्न के आधार शिक्षण संबंधी अभी तक कोई भी प्रशिक्षण शिक्षकों को नहीं दिया गया है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें सीबीएसई बोर्ड के आधार पर शिक्षक तकनीक की बारीकियों से अवगत कराया जा रहा हैं
यह चार-चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम तीन चरणों में आयोजित किया गया है। प्रथम चरण 9 से 12 मार्च तक आयोजित किया गया। इसमें अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। दूसरे चरण में 15 से 18 मार्च तक हिन्दी और विज्ञान के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। सभी प्रशिक्षणार्थियों ने प्रशिक्षण सत्र की सराहना करते हुए आग्रह किया कि ऐसा प्रशिक्षण सत्र नियमित अंतराल में होते रहना चाहिए। इससे शिक्षण संबंधी नई-नई तकनीकों को सीखने का मौका मिला है। प्रशिक्षण के बाद विद्यार्थियों को अब और भी सरल और प्रभावी ढंग से पढ़ा सकेंगें। प्रशिक्षण का तीसरा और अंतिम चरण 22 से 25 मार्च तक आयोजित किया गया है। इसमें एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के प्राचार्यों और गणित के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्राचार्यों को प्रशिक्षण के दौरान मुख्य रूप से नेतृत्व क्षमता और प्रबंध की बारीकियों से अवगत कराया जाएगा।
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराकर उन्हें सामान्य जाति के विद्यार्थियों के समकक्ष लाकर उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत कर प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए तैयार करना है। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के कक्षा 6वीं से 12वीं तक संचालित किए जा रहे है। इन विद्यालय में वर्ष 2018-19 से सीबीएसई के पाठ्यक्रम के अनुसार अध्यापन कराया जा रहा है। प्रदेश में वर्तमान में 71 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित है। इनमें 10 कन्या, 6 बालक और 55 संयुक्त विद्यालय हैं। कक्षा 6वीं से 12वीं तक 60 सीटर प्रति कक्षा के मान से प्रत्येक विद्यालय में 420 बच्चों को प्रवेश देने का प्रावधान है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित संस्था अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के विषय विशेषज्ञों द्वारा निःशुल्क सहयोग दिया जा रहा है।