रायपुर, 18 मार्च 2021/ अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने आज मंत्रालय स्थित अपने कक्ष में आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के कार्यों की समीक्षा की। मंत्री डॉ. टेकाम ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक और संग्राहलय की स्थापना के लिए प्रयास तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आदिमजाति एवं प्रशिक्षण संस्थान अपने मूल उद्देश्यों के कार्यों का क्रियान्वयन तेजी से करे। राज्य की अनुसूचित जनजातियों के संबंध में आधारभूत सामाजिक-आर्थिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन एवं सर्वेक्षण का कार्य लगातार करता रहे। मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि अनुसूचित जातियों की समस्याओं का अध्ययन कर इनके निराकरण के लिए शासन को सुझाव दिया जाए। इसके साथ ही अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास के लिए शासन द्वारा संचालित योजनाओं का मूल्यांकन किया जाए। मंत्री डॉ. टेकाम ने सुझाव दिया कि अनुसूचित जातियों की समस्याओं के निराकरण के लिए देश के प्रमुख विषय-विशेषज्ञों को आमंत्रित कर राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला एवं संगोष्ठियों का आयोजन किया जाना चाहिए।
समीक्षा बैठक में बताया गया कि प्रदेश में निवासरत अगरिया, खैरवार, कोल, कोड़ाकू, नगेसिया, मुरिया, ओझा, धुरवा, नागवंशी, धांगड़, कंडरा, मुण्डा और राजगोंड का मानवशास्त्री अध्ययन प्रक्रियाधीन है। छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर संभाग की बालिकाओं में शैक्षणिक स्थिति का अध्ययन, मासिक धर्म संबंधी स्वच्छता, ज्ञान एवं व्यवहार के संदर्भ में राज्य की जनजाति महिलाओं का अध्ययन और जनजाति विकास योजनाओं से आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण का मूल्यांकन का अध्ययन किया जा रहा है। इसके अलावा जनजातीय भाषा-बोली शब्दकोष तैयार करने के लिए गोंडी बोली में अल्फाबेट चार्ट का निर्माण और प्रकाशन हेतु कार्य हो रहा है। प्रदेश में जनजातीयों में आर्थिक सशक्तिकरण विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी सह कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। जिसमें जनजातीयों के सांस्कृतिक क्रियाकलापों का प्रदर्शन होगा। इस संगोष्ठी में देश के विभिन्न विषयों के विषय-विशेषज्ञों और आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के संचालकों को आमंत्रित किया जाएगा।
बैठक में विभाग के संसदीय सचिव श्री द्वारिकाधीश यादव, विभागीय सचिव श्री डी. डी. सिंह, संचालक आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान श्रीमती शम्मी आबिदी सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।