भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में अधिकतम निवेश लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। विशेषकर खाद्य प्र-संस्करण इकाईयों की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है। प्रदेश के बासमती उत्पादक कृषकों के हितों की रक्षा और संवर्धन के लिए राज्य शासन निरंतर प्रयासरत है। प्रदेश में होने वाले बासमती धान के जीआई टैग के रजिस्ट्रेशन के लिए न्यायालयीन कार्यवाही जारी है। इस संबंध में केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर से भी अनुरोध किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने यूनाईटेड फार्म्स इन्वेस्टमेंट कंपनी सउदी अरब के श्री सुलेमान अल रूमेह तथा एल.टी. फूड्स लिमिटेड ग्रुप के चेयरमेन श्री वी.के. अरोरा से भेंट के दौरान यह बात कही। उद्योगपतियों ने खाद्यान्न तथा पशु चारा के क्षेत्र में निवेश की संभावना के संबंध में चर्चा की।
आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में मिलेगा सहयोग
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में सभी क्षेत्रों में निवेश का स्वागत है। किसी भी क्षेत्र में निवेश से स्थानीय अर्थव्यवस्था को जो गति मिलती है, वह आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में भी सहायक होगी। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप में चावल़, गेहूँ के अलावा सब्जियों, कोंदो-कुटकी के विक्रय और निर्यात के लिए प्रयास आरंभ किए गए हैं। जनजातीय क्षेत्रों के स्थानीय उत्पाद देश-विदेश के बाजारों में बिकें, इसके लिए कार्य-योजना पर अमल हो रहा है।
”एक जिला-एक उत्पाद से बदलेगी तस्वीर”
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में ”एक जिला-एक उत्पाद” के अंतर्गत जिलों के लोकप्रिय उत्पाद विश्व बाजार तक पहुँचाने के प्रयास आरंभ किए गए हैं। बुरहानपुर के केले, मंदसौर के लहसून के साथ ही प्रदेश के कुछ जिलों में मिलेट उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन श्री संजय शुक्ला तथा प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री मनीष रस्तोगी भेंट के दौरान उपस्थित थे।