सूरजपुर: जिले के ठेकेदार संघ द्वारा मुख्यमंत्री को कलेक्टर के माध्यम से आज विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौपा गया ।इस सम्बंध में उपस्थित ठेकेदारों द्वारा बताया गया गया कि प्रदेश सरकार द्वारा कराए जा रहे विभिन्न विभागों के निर्माण कार्यों में रियालिटी डी एम एफ एवं बाजार दर सहित लगभग ₹500 प्रति घन मीटर मेटल एवं लगभग 200 रुपये प्रति घन मीटर रेत एवं मुरूम के लिए कटौती की जा रही है जो कि मूल दर से 3 से चार गुना ही होती है। जिले में मुरम की कोई खदान स्वीकृत नहीं है जबकि मेटल के लिए लगभग 30,000 घन मीटर प्रतिवर्ष उत्पादन हेतु खदान से स्वीकृत है रेत के लिए वर्तमान में निविदा कर ठेके पर खदान आबंटित की गई है जहां मनमानी वसूली की जा रही है इसी प्रकार डब्ल्यूएम एम एवं जीएसबी कार्यों में रियल्टी की लागत s-o-r कै दर के लगभग 40% जबकि कांक्रीट कार्यों में लगभग 15% आ रही है।
उनके यह भी बताया की कोरोना काल में जहां विभिन्न व्यवसायों को शासन की ओर से सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है वहीं उपरोक्त अनुसार रियल्टी दरों और बाजार दर लागू होने से ठेकेदारों को अत्याधिक आर्थिक क्षति हो रही है विभिन्न निर्माण विभाग में 5 साल से 10 साल तक रखरखाव की शर्त लगाई जा रही है जबकि उपरोक्त रखरखाव के लिए किसी तरह का कोई भुगतान नहीं किया जाता है किसी भी निर्माण कार्य में पांच 10 वर्षों में छोटे-मोटे सुधार कार्य की आवश्यकता होती है जिसकी निर्माण की गुणवत्ता से कोई संबंध नहीं होता अतः एवं उचित होगा कि उपरोक्त रखरखाव अवधि को एक से 3 वर्ष किया जाए अथवा बाद की अवधि के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं एडीबी के कार्यों की तरह रखरखाव के लिए भुगतान का नियम लागू किया जाए वर्तमान में लोक निर्माण विभाग के अंतिम भुगतान के पूर्व थर्ड पार्टी चेकिंग का प्रावधान लागू किया गया है इसके लिए अवधि तय कर दी जाए जिस जिस से ठेकेदारों को उस समय पर भुगतान प्राप्त हो सके साथ ही ए पी एस की राशि जो कार्य पूर्णता की शर्त के लिए जमा कराई जाती है कार्य पूर्ण होते ही वापस किया जाए जिसके लिए थर्ड पार्टी जांच के स्थान पर कार्यपालन यंत्री द्वारा कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किए जाने का प्रबंध होना। प्रदेश में शासन द्वारा ई श्रेणी पंजीयन चालू किया गया है जिसमें ब्लाक स्तर पर 20 लाख तक के लिए निर्माण कार्य हेतु स्नातक आधार पर पंजीयन एवं समिति प्रतिस्पर्धा का प्रावधान है जिसका स्वागत है परंतु जिस प्रकार बस्तर क्षेत्र में 50 लाख तक मैन्युअल टेंडर लागू है उस व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू किया जाए साथी 20% बिलो दर तक सामान्य तौर पर निर्णय प्राप्त हो रही है इसलिए ए पी एस का प्रावधान है 20% से अधिक बिलो दर तक सामान्य तौर पर न्यू द प्राप्त हुई है इसलिए ए पी एस का प्रावधान 20% से अधिक बीलो दर तक के लिए ही लागू किया जाए।इन्ही सभी मांगो को लेकर ठेकेदार संघ ने आज सर्किट हाउस में बैठक रखकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौपा है।
बैठक में मुख्य रूप से
संरक्षक मंडल से अवधेश अग्रवाल ,नित्यानंद पाठक, योगेश प्रताप सिंह ,सुरेश गोयल, घनश्याम दास अग्रवाल, जिवधन जायसवाल ,मनोज गोयल, संदीप अग्रवाल, बसंत मिश्रा ,विजय मिश्रा ,राकेश निगम,
जिला पदाधिकारी से अध्यक्ष देवेंद्र गुप्ता, उपाध्यक्ष विनय जायसवाल, उपाध्यक्ष शैलेश अग्रवाल ,सचिव अनूप अग्रवाल, सचिव अमित अग्रवाल, महामंत्री गजेंद्र दुबे ,महामंत्री हेमंत प्रसाद, गुप्ता कोषाध्यक्ष सुरेश ओझा, प्रवक्ता शंकर जिंदिया, मीडिया प्रभारी सुनील अग्रवाल ,सचिव नीरज कुमार गुप्ता, सह सचिव शमशेर सिंह, सचिव दिलीप समादार,कार्यकारिणी सदस्य शैलेश अग्रवाल, रितेश जायसवाल ,राकेश गुप्ता, वासुदेव हलदर, विकास मित्तल ,संजय केजरीवाल ,देव नारायण यादव, समीर विश्वकर्मा, आशीष जायसवाल, शंकर शाह ,शैलेश जैन ,राकेश अग्रवाल, प्रदीप अग्रवाल, भोला प्रसाद जयसवाल उपस्थित रहे।