रायपुर 15 फरवरी 2021 भारत से क्षय रोग को 2025 तक पूर्ण रुप से समाप्तल करने के उद्देश्यय से चलाए गए विशेष क्षय रोगी खोजी अभियान में 8 क्षय रोगी मिले हैं । ग्रामीण और शहरी मलिन बस्तियों को लक्षित करके चलाए गए इस अभियान में कुल 26,589 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी थी । साथ ही 705 संभावित व्यक्तियों की जांच की गई। जिसमें से 8 लोगों में टीबी की पुष्टी हुयी है जिनका पंजीकरण कर इलाज शुरू कर दिया गया है ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मीरा बघेल ने बताया ‘‘ ज़िले में सघन क्षय रोगी खोज अभियान जो कि विशेष रुप से जिले के शहरी और ग्रामीण मलिन बस्ती, खदान क्षेत्र, प्लांट क्षेत्र, अनाथ आश्रम एवं वृद्ध आश्रम, हाई रिस्क क्षेत्र, जेल (महिला एवं पुरुष ) गिट्टी खदान क्षेत्र, राईस मिल क्षेत्र, में चलाया गया था ।उन्होंने कहा जिले के शहरी और ग्रामीण मलिन बस्ती क्षेत्र में कुल 18,072 लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी । जिसमें 456 संभावित की विशेष जांच की गई उसमें से 6 लोगों में क्षय रोग के लक्षण मिले है ।वही खदान क्षेत्र में कुल 4,772 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें 209 संभावित की विशेष जांच की गई उसमें से 2 लोगों में क्षय रोग के लक्षण मिले है ।टीम द्वारा हाई रिस्क क्षेत्र में 135 लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी जिसमें 14 संभावित लोगों की विशेष जांच की गई थी ।लेकिन किसी में भी टीबी की पुष्टी नहीं हुयी है ।अनाथ आश्रम एवं वृद्ध आश्रम में 245 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें से 24 संभावित लोगोंकी विशेष जांच की गई थी । किसी में भी लक्षण नहीं पाए गए ।राइस मिल और धान खरीदी क्षेत्रों में भी 3065 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जहां पर 2 संभावित की विशेष जांच की गई किसी में भी लक्षण नहीं मिले ।जिले में कुल 8 लोगों में लक्षण मिले हैं जिनका नियमित रूप से निशुल्क इलाज शुरू कर दिया गया है ।’’
14 टीमों के द्वारा चलाया गया अभियान
सघन टीबी रोगी खोज अभियान में विभाग ने 14 टीमें लगाई थी । प्रत्येक टीम में 4 से 5 सदस्य रखे गये थे ।टीबी सुपरवाइजर,मितानिन, आंगनवाडी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, स्थानिय एनजीओ कार्यकर्ताओं का भी विशेष सहयोग रहा है , इस दौरान 8 नए लोगों में टीबी की पुष्टि भी हुई है।
पंजीकरण और इलाज पर जोर
क्षय रोगी खोजी अभियान में यह भी बताया जा रहा है कि अगर उनके यहां कोई भी क्षय रोग से सम्ब न्धित किसी का इलाज चल रहा है तो उनको क्षय रोग कार्यालय में पंजीकृत कराएं। ताकि उन्हेंे बेहतर दवाएं निशुल्क मिलें और उनका इलाज करने के साथ ही उन्हें पोषण भत्तार दिलाया जा सके।
ऐसे लक्षण दिखे तो जांच जरूरी
दो सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी का आना। खांसी के साथ बलगम और बलगम के साथ खून आना। वजन घटना। बुखार, सीने में दर्द, शाम के समय हल्का बुखार, रात में बेवजह पसीना आना। कम भूख लगने जैसी जैसी शिकायत है तो एक बार अपनी जांच जरुर करा लें। समय पर इलाज हो जाने से टीबी ठीक हो सकता है।