नई दिल्ली : पर्यटन मंत्रालय के लिए 2020-21 में संशोधित बजट योजना में अनुमोदित (1260.00 करोड़ रुपये) खर्च के मुकाबलेवार्षिक बजट 2021-22 में 2026.77 करोड़ रुपये खर्च निर्धारित किया गया है। नई दिल्ली में आज पर्यटन क्षेत्र को लाभ पहुंचाने वाले बजट के विभिन्न प्रावधानों के बारे में बताते हुए पर्यटन सचिव श्री अरविंद सिंह ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में वार्षिक खर्च वित्तीय वर्ष 2020-21 के संशोधित वार्षिक खर्च के मुकाबले 61% अधिक है। 2026.77 करोड़ रुपये के प्रस्तावित बजट आवंटन में से, लगभग 950.00 करोड़ रुपयों का उपयोग अलग-अलग राज्यों में फैले विभिन्न स्थलों की पर्यटन अवसंरचना के निर्माण में किया जाएगा और लगभग 670 करोड़ रुपये पर्यटन की प्रचार गतिविधियों पर खर्च किए जाएंगे। सचिव ने कहा कि बाकी बचे आवंटन का उपयोग अन्य योजनाओंजैसे कि सेवा प्रदाताओं के क्षमता निर्माण, चैंपियन सेवा क्षेत्र योजना के वित्तपोषण के लिए किया जाएगा।
श्री अरविंद सिंह ने कहा, हमें भरोसा है किबजट में नजर आएअवसंरचना निर्माण को महत्व देने के साथ, घरेलू और अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए कनेक्टिविटी में सुधार होगा। श्री अरविंद ने आगे कहा कि एक्सप्रेसवेज़ का विकास इन रास्तों के पर्यटक स्थलों की बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध करवाएंगे और देश में पर्यटन क्षेत्र के विकास और प्रगति में योगदान देंगे।कुल मिलाकर सड़क, हवा और ट्रेन से बेहतर कनेक्टिविटी पर्यटन क्षेत्र को लाभ पहुंचाएगी। पर्यटक रूटों पर खूबसूरती से डिजाइन किए गए विस्टा डोम एलएचबी कोच भी यात्रियों को बेहतर यात्रा का अनुभव देंगे। केंद्रीय बजट 2021-22 इस अवधारणा को आगे ले जाता है क्योंकि यहटूरिस्ट रूटों पर यात्रियों को यात्रा का बेहतर अनुभव देने के लिए खूबसूरती से डिजाइन किए गए विस्टा डोम एलएचबी कोच को चलाने का प्रावधान करता है। जिन गंतव्य स्थलों पर यह विस्टा डोम कोच चलाए जाएंगे, वहां पर्यटन के प्रचार में यह पहल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
श्री सिंह ने कहा कि टीकाकरण अभियान कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने में मदद करेगा जिससे यात्रियों के बीच आत्मविश्वास पैदा होगा और घरेलू पर्यटन के पुनर्जीवन में मदद मिलेगी, और वैश्विक स्तर पर हालात सामान्य होने के बाद अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन भी रफ्तार पकड़ेगा। भारत में, हम दुनियाभर में सबसे बड़े टीकाकरण अभियानों में से एक हैं।
श्री सिंह ने कहा कि मंत्रालय ने जनवरी 2020 में देखो अपना देश (डीएडी) पहल शुरू की थी।देश में कम प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के प्रचार के लिए डीएडी को सोशल मीडिया अकाउंट्स और मंत्रालय की वेबसाइट परतथा घरेलू भारतीय पर्यटन कार्यालयों द्वारा प्रचारित किया जा रहा है।
श्री सिंह ने आगे विस्तार से बताया कि शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में वैलनेस सेंटर खोलनादेश में वैलनेस टूरिज्म को प्रोत्साहित करेगा और आत्मनिर्भर भारत की थीम का प्रसार होगा। श्री सिंह ने आगे कहा कि कोविड महामारी के दौरान एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव करने से पर्यटन और आतिथ्य के क्षेत्र को भी राहत मिली है।