रायपुर, 08 फरवरी 2021/ छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित भूमि व्यवस्थापन किया जा रहा है। ऐसे व्यक्ति जो शासकीय भूमि का अतिक्रमण कर आवासीय या व्यवसाय के लिए उपयोग कर रहे है वे शासन के गाइड लाईन के तहत भूमि स्वामी हक के लिए आवेदन कर सकते है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन के तहत 7500 वर्ग फीट भूमि के आबंटन के अधिकार जिला कलेक्टर को दिए गए है। महासमुन्द जिले के प्रेमशीला श्याम सुंदर तिवारी जो देहानिभाठा बागबाहरा के निवासी है ने शासन के नए प्रावधानों का लाभ लेते हुए अपने द्वारा किये अतिक्रमित भूमि को व्यवस्थापन प्रक्रिया के तहत नियमितीकरण करने हेतु राशि 4 लाख 58 हजार 417 रुपए चालान के माध्यम से जमा कर भूस्वामित्व अधिकार प्राप्त किया है। अतिक्रमणकारी से भू स्वामी बनने वाले श्यामसुंदर तिवारी ने बताया कि आज मुझे बड़े सुकून से नींद आएगी। अब हम इस जमीन के वास्तविक स्वामी बन गए। अब तब हमने इस घर को कोई नाम नही दिया था क्योंकि यह जमीन शासकीय थी और हमरा जमीन पर कोई हक नही था। हमारा बहुत सारा पैसा घर बनाने में लग गया था पर आज इस योजना के कारण अब इस घर को ’तिवारी निवास’ नाम देंगे और हक से घर मे रहेंगे। महासमुंद जिला मुख्यालय में भी तीन लोगों ने 25 लाख रुपए जमा कर इस योजना का लाभ उठा कर चिन्ता मुक्त हुए है। राज्य शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार यदि कोई व्यक्ति नगरीय क्षेत्र में स्थित अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन के समय राज्य शासन से भूमि स्वामी हक में भूमि प्राप्त करना चाहता है तो भूमि आवंटन के समय संबंधित व्यक्ति को निर्धारित गाइड लाइन अनुसार राशि जमा कर अतिक्रमण भूमि के विस्थापन योजना का लाभ उठा सकता है। बागबाहरा नगर में छत्तीसगढ़ शासन के अतिक्रमण भूमि के व्यवस्थापन योजना का पहला मामला निराकृत हुआ है। जिसमें अतिक्रमित भू-स्वामी के पक्ष में आवश्यक शुल्क जमा कराने के बाद रजिष्ट्री करायी जाएगी। रजिष्ट्री होने के बाद ऐसी भूमि का डार्यवसन बटवारा और बिक्री कर सकते है तथा वो सभी अधिकारों का प्रयोग कर सकते है जो एक लगानी भूस्वामी को प्राप्त होते है। भूस्वामित्व प्रदाय कराने वाली इस योजना पर कलेक्टर के प्रयास से तेजी से काम हो रहा है।