जगदलपुर: प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर बस्तर की सुंदर छवि यहां आने वाले पर्यटकों के मन में पूरी तरह बस जानी चाहिए। इसके लिए पर्यटन स्थलों की स्वच्छता के साथ ही पर्यटकों की सहूलियत का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। यह बातें कलेक्टर श्री रजत बंसल ने लोहंडीगुड़ा आयोजित समीक्षा बैठक में कही। बस्तर में इको पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यटन क्षेत्र की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने पर चर्चा की गई। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री इंद्रजीत चंद्रवाल, वन मंडलाधिकारी सुश्री स्टायलो मंडावी, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान की संचालक सुश्री विजया रात्रे सहित राजस्व विभाग तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने इस अवसर पर बस्तर के प्राकृतिक धरोहरों को सुरक्षित रखने पर सबसे अधिक जोर देने की बात कहते हुए गाइडों को भी इसके लिए संवेदनशील बनाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्रों में प्लास्टिक के उपयोग के कारण होने वाली गंदगी को दूर करना अत्यंत आवश्यक है। पर्यटन क्षेत्रों में प्लास्टिक सामग्री को तत्काल उठाने की व्यवस्था के साथ ही यहाँ-वहाँ प्लास्टिक सामग्री फेंकने वालों पर जुर्माना लगाने के निर्देश भी दिए। पर्यटकों से लिये जाने वाले प्रवेश शुल्क में एकरूपता रखने के निर्देश देते हुये कहा कि दुपहिया वाहनों से दस रुपए, चारपहिया वाहनों से बीस रुपए और इससे अधिक बड़ी वाहनों से अधिकतम 50 रुपए प्रवेश शुल्क लिया जाए। उन्होंने पर्यटकों को स्वच्छता, पेयजल, बिजली और सुरक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश पर्यटन समिति के सदस्यों को दिए। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों में पर्यटन समिति के सदस्यों के विरुद्ध प्राप्त होने वाली शिकायतें प्राप्त होती हैं । ऐसे सदस्यों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने पर्यटन समिति के सदस्यों को पर्यटकों के साथ विनम्र व्यवहार का प्रदर्शन करने को कहा, जिससे क्षेत्र में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिले। पर्यटन स्थलों के आसपास नो पार्किंग क्षेत्र में वाहन खड़ी करने और सुरक्षा निर्देशों का उल्लंघन करने वाले पर्यटकों के विरुद्ध भी जुर्माने की कार्यवाही के निर्देश दिए गए। इसके लिए पर्यटन समिति के सदस्यों को परिचय पत्र प्रदान करने और निजी सुरक्षा कर्मी नियुक्त करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने कहा कि पर्यटन स्थलों के पास प्रवेश शुल्क के दर की जानकारी के साथ ही किसी भी प्रकार की शिकायत के निराकरण के लिए एक अधिकारी के साथ ही सभी आवश्यक दुरभाष नम्बर का प्रदर्शन करने के निर्देश दिए। बस्तर की आदिवासी संस्कृति में रूचि रखने वाले पर्यटकों के लिए होम स्टे की व्यवस्था के संबंध में तेजी से कार्यवाही के निर्देश देते हुए कहा कि जिन क्षेत्रों में पर्यटकों की आवाजाही अधिक है, वहाँ इसकी तत्काल व्यवस्था की जाए। उन्होंने कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में ट्रेकिंग के लिए मार्ग चिन्हांकन के संबंध में भी जानकारी ली।