बैकुण्ठपुर दिनांक 03/2/21- कोरिया जिले के दूरस्थ वनांचल भरतपुर के ग्राम जमथान में रहने वाले श्री समयलाल अहिरवार के पास पहले सिंचाई और पेयजल दोनों का गंभीर संकट था। घर से दूर पानी का एकमात्र साधन हैंडपंप था जिससे वह पेयजल लाते और घर के निस्तार के लिए उन्हे अन्य जगहों पर परेषान होना पड़ता। गर्मियों में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती थी। उनके बाड़ी के पास एक छोटा सी पुरानी ढोड़ी थी पर वह भी बारिष के बाद ठंड आते आते तक सूखने लगती। एैसे में ठंड से लेकर बारिष तक वह निस्तार जल के साथ पेयजल के लिए काफी परेषान रहते थे। लेकिन उनकी इस समस्या का निदान महात्मा गांधी नरेगा के तहत बने कंुए से हो गया। ग्राम पंचायत के द्वारा विगत वित्तीय वर्ष 2017-18 में उनके बाड़ी में एक कुंआ बनाया गया जिससे उनके घर में पानी की समस्या भी खत्म हुई और अब वह सब्जी भाजी के साथ बाड़ी के अंदर ही लगभग 3 क्विंटल गेंहू भी उत्पादित करने लगे हैं।
ग्राम पंचायत जमथान में रहने वाले श्री समयलाल अहिरवार के घर में दो बेटियों सहित पांच सदस्य हैं। महात्मा गांधी नरेगा के तहत मिली अपनी इस सहूलियत के बारे में उन्होने बताया कि परिवार के पास कुल साढ़े तीन एकड़ कृषि भूमि है। परंतु सिंचाई की सुविधा ना होने से उनका परिवार पूरी तरह से बारिष पर ही निर्भर है। एैसे में उन्हे केवल धान की उपज मिल पाती है, उपज उतनी ही होती है कि उनका परिवार साल भर खाने के लिए उपयोग कर पाता है। सिंचाई की कोई सुविधा न होने से श्री समयलाल के परिवार के पास गेंहू या अन्य साग भाजी उगाने के लिए कोई साधन नहीं था। एैसे में यह परिवार हमेषा बाजार से ही साग सब्जी और गेंहू खरीदने के लिए मजबूर था। इसी बीच ग्राम पंचायत में आए जीपीडीपी दल के समक्ष श्री समयलाल ने अपनी समस्या रखी। इससे उनके समस्या के समाधान का रास्ता खुल गया। गांव में आए दल ने अपनी सूची में श्री समयलाल जो कि अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं उनके लिए कुंए का निर्माण कार्य प्रस्तावित किया।
ग्राम पंचायत में ग्राम सभा की सहमति के बाद बने तकनीकी प्रस्ताव को जिला ंपचायत से मानक प्राक्कलन अनुसार प्रषासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। एक लाख अस्सी हजार की लागत से उक्त कूप निर्माण के लिए ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाया गया। वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान हुए इस कूप निर्माण में श्री समयलाल के परिवार को कुल 120 कार्य दिवस की मजदूरी भी प्राप्त हुई। इससे उनके परिवार को 20 हजार 880 रूपए का लाभ भी हुआ। इन पैसों से श्री अहिरवार ने एक बिजली से चलने वाला पंप भी खरीद लिया। कूप बन जाने के बाद श्री समय लाल का परिवार अपने घर से लगी बाड़ी में परिवार के उपयोग के लिए सब्जी उत्पादित करने लगा वहीं अपने बाड़ी के पास लगभग एक एकड भूमि को बाड़ लगाकर श्री समय लाल ने उसमें गेहूं की फसल भी लगाई। श्री समयलाल ने बताया कि बीते साल उन्हे तीन क्विंटल गेंहू मिला। इस बार भी श्री समयलाल ने अपनी बाड़ी में सब्जी के साथ गेंहू की बुआई की है। अब श्री समयलाल का परिवार अपनी दैनिक उपयोग की खाद्य वस्तुओं के लिए बाजार पर आश्रित नहीं है।