बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में तेरह सौ करोड़ रुपयों का धान सड़ गया है जबकि हकीकत में ऐसा कुछ नही हुआ हैं
पूर्वमंत्री बृजमोहन अग्रवाल को खुली चुनौती अपने बताये गये आकड़ो के दस्तावेज प्रस्तुत करें नही तो माफी मांगे
रायपुर/ 20 जनवरी 2021। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं प्रवक्ता विकास तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा किए गए प्रेस वार्ता पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल नौसिखिया नेताओ जैसा बयान बाजी कर रहे है।उनके द्वारा दिया गया बयान पूर्णता भ्रामक और कुंठा से ग्रसित है, पंद्रह सालो तक सत्ता में रहने के बाद विपक्ष की भूमिका अदा नहीं कर पा रहे हैं। पूर्वकृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में 13 सौ करोड़ का धान सड़ चुका है यह आंकड़ा पूर्णता फर्जी और भ्रामक है प्रदेश भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के स्थान पर कब्जा करने हेतु पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल प्रदेश की जनता को दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं जबकि आंकड़ों सहित हकीकत यह है कि-
खरीफ़ विपणन वर्ष 2019-20 में कुल 83.94 लाख मेट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया था।
उक्त उपार्जित धान में से अब तक 80.37 लाख मेट्रिक टन धान का निराकरण कस्टम मिलिंग के माध्यम से किया जा चुका है।
वर्तमान स्थिति में लगभग 3.57 लाख मेट्रिक टन धान का निराकरण हेतु शेष है।
राज्य की उसना मिलिंग क्षमता सीमित होने, कोविड-19 की वैश्विक महामारी और राज्य में असामयिक वर्षा के कारण कस्टम मिलिंग का कार्य प्रभावित हुआ था।
खरीफ़ विपणन वर्ष 19-20 में एफसीआई में 28.10 लाख मे. टन में से 26.10 लाख मे टन चावल जमा किया जा चुका है, जो विगत वर्षों में जमा सीएमआर की तुलना में सर्वाधिक है ।
भारतीय खाद्य निगम में शेष सीएमआर जमा हेतु दिनांक 18.01.2021 को भारत सरकार द्वारा 31 जनवरी 2021 तक की समयावृद्धि प्रदान की गई है।
उक्त शेष धान के निराकरण हेतु कस्टम मिलिंग का कार्य प्रगतिरत है।18.1.2021 को समय वृद्धि के पश्चात 74000 मैट्रिक टन का डीओ जारी किया गया है, धान उठाव प्रगतिरत है।
प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में किसी भी स्थान में धान के सड़ जाने की जानकारी नही है तो किस आधार पर पूर्व कृषिमंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने तेरह सौ करोड़ के आंकड़े जारी किये है उन्हें प्रदेश की जनता को बताना चाहिये साथ ही झूठे और नौसिखिया नेताओ जैसा आंकड़े बताने के लिये माफी मांगनी चाहिये।