आलेख-जी.एस. केशरवानी, आनंद सोलंकी
रायपुर, ई-गवर्नेंस प्रणाली के माध्यम से नागरिकों को सेवाएँ उपलब्ध कराने के मामले में छत्तीसगढ़ शीर्ष राज्यों की श्रेणी में शामिल हो गया है। राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सर्विस डिलीवरी असेसमेंट (एनईएसडीए) में छत्तीसगढ़ ने लंबी छलांग लगाई है। एक सर्वेक्षण के आधार पर छत्तीसगढ़ को शीर्ष छह राज्यों की सूची में शामिल किया गया है। मेघालय की राजधानी शिलांग में आयोजित 22वीं राष्ट्रीय ई-गवर्नेस कॉन्फ्रेंस में छत्तीसगढ़ राज्य की आईटी योजनाओं पर चर्चा की गई, जिसमें छत्तीसगढ़ का आन लाइन खनिज पोर्टल और सी-टॉप्स एप्लीकेशन की सराहना हुई।
केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सर्विस डिलीवरी असेसमेंट (एनईएसडीए) सेवाएं प्रदान करने में राज्य वार प्रदर्शन के आकलन के लिए किए गए सर्वेक्षण में राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों के सात प्रमुख मापदंडों- पहुंच, सामग्री उपलब्धता, उपयोग में आसानी, सूचना सुरक्षा और गोपनीयता, एकीकृत सेवा वितरण सहित सभी सेवा पोर्टलों का आकलन किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ ने शीर्ष छह राज्यों की सूची में जगह बनाने में कामयाबी पाई है।
वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ की खनिज ऑनलाईन परियोजना को वर्ष 2019 में ई-गवर्नेस पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है, खनिज ऑनलाईन पोर्टल से खदान मालिक अपने स्थान से ही देय रायल्टी का ऑनलाईन भुगतान ई-ट्रॉजिट पास जारी कर सकते हैं। इस पोर्टल की मदद से राज्य सरकार को रियल टाईम में राजस्व का निर्धारण और राजस्व की प्राप्ति हो रही है। राज्य के प्रथम बिजनेस इनक्यूबेटर 36 आई.एन.सी. बनाया गया है। नवीन तकनीक आधारित नए स्टार्टअप इको सिस्टम को बढ़ावा देने का काम इसकी मदद से किया जा रहा है।
चिप्स द्वारा विधानसभा निर्वाचन 2018 और लोकसभा निर्वाचन 2019 में मतदाताओं और निर्वाचन कार्य में लगे अधिकारियों के लिए ‘सी-टॉप्स एप्लीकेशन‘ विकसित किया गया था, जिसमें मतदान दल की संम्पूर्ण जानकारी मोबाइल और कम्प्यूटर पर एक क्लिक पर प्राप्त की जा सकती थी। मतदान दल के पोलिंग बूथ तक जाने और वहां से चुनाव करवाकर मुख्यालय तक वापस आने की गतिविधियां रूट मैप के साथ इस एप्लिकेशन पर अपडेट होती थी। आम वोटरों को भी मतदान केन्द्र के बारे में पूर्ण जानकारी इस एप्लिकेशन से मिलती रही, जिससे मतदाता अपनी सुविधा के अनुसार मतदान केन्द्र में कम भीड़ के समय मतदान कर सके।
प्रदेश में ‘ई-शासन एक पहल सुशासन की ओर’’ के तहत डिजिटल सचिवालय परियोजना संचालित की जा रही है। मंत्रालय के विभिन्न विभागों की लगभग दो लाख 61 हजार से ज्यादा नस्तियों का डिजिटाईजेशन कर ई-ऑफिस एप्लीकेशन में अपलोड किया गया है। राज्य की 85 तहसीलों और 5 हजार 987 ग्राम पंचायतों में भारत नेट परियोजना फेस-2 के अंतर्गत इंटरनेट कनेक्टीविटी पहुंचाने का काम किया जा रहा है। इससे गांवों तक इंटरनेट पहुंचने से ई-सेवाएं ग्राम पंचायत स्तर तक प्रदान की जा सकेंगी। लोगों तक सूचना, शिक्षा, बाजार और बैंकिंग सेवाओं की पहुंच आसान होगी। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन मिलेगा और लोगों को शासन की कई नागरिक सेवाएं प्रदान की जा सकेगी। युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए बेहतर मौके मिलेंगे।