बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कोरोना वायरस से डरे नहीं सजग और जागरूक रहें

पटना । बिहार विधानमंडल परिसर में कोरोना वायरस से जुड़े पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूक रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से डरने और भयभीत होने की कोई जरूरत नहीं है। चीन से शुरू होकर कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में आज जो स्थिति बनी है, उससे पूरे तौर पर सजग रहने की जरूरत है। इसको लेकर देश में काफी सजगता है। पूरे बिहार में जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को सचेत किया जा रहा है। बिहार में अभी तक कोरोना वायरस के एक भी मरीज चिन्हित नहीं हुए हैं। बिहार के सीमावर्ती राज्य उत्तर प्रदेश तथा सीमावर्ती देश नेपाल में इस रोग के मरीज मिले हैं। बिहार में उत्तर प्रदेश और नेपाल बाॅर्डर से भी लोग आते हैं इसलिए सजग रहते हुए लोगों को सजग करना हमलोगों का दायित्व है।

लोगों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक-दूसरे से दूरी बनाकर रहें और सार्वजनिक स्थलों पर या सामूहिक रूप से होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने से बचें। इससे संक्रमण होने की संभावना कम होगी। ऐहतियात के तौर पर बिहार में सभी स्कूल, कॉलेज, पार्क, म्यूजियम, जू आदि 31 मार्च तक बंद कर दिए गये हैं। गया और बोधगया में बाहर के देशों से लोग आते हैं। उनका मेडिकल चेकअप बहुत जरूरी है और यह हर हाल में होना चाहिए। एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर भी लोग सजग हैं। हमलोगों ने विधानसभा और विधान परिषद में सर्वदलीय मीटिंग बुलाकर सदन की कार्यवाही स्थगित करने का निर्णय लिया क्योंकि ऐसी स्थिति में एक जगह ज्यादा लोगों का रहना ठीक नहीं है। कोरोना वायरस के कारण पर्यटकों के बिहार आगमन में कमी आई है। लोगों का कहीं घूमना उनकी इच्छा पर निर्भर करता है लेकिन सजगता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जो लोग बाहर से आ रहे हैं उन्हें मेडिकल चेकअप कराने में किसी प्रकार की हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए।

कोरोना वायरस के कारण बिहार के जिन चार-पांच जिलों में धारा 144 लगाई गई है उसे तत्काल हटाने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि धारा 144 कानून-व्यवस्था के सवाल पर लगाया जाता है। जिला स्तर पर लोग गलतफहमी के शिकार हो गये थे। लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भयभीत न होकर जागरूक रहना जरूरी है। 31 मार्च तक स्कूल, कॉलेज को इसलिए बंद रखा गया है क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है 35 डिग्री तापमान पर इसके फैलने का खतरा कम रहता है और अप्रैल माह तक तापमान करीब 35 डिग्री से अधिक हो जाता है। उन्होंने कहा कि 20 सेकेंड तक साबून से हाथ धोने पर वह सेनेटाईजर से भी काफी प्रभावी होता है इसलिए इसका विशेष तौर पर ध्यान रखिये। स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनेक माध्यमों से विज्ञापन के जरिये लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

कोरोना वायरस से छुटकारा दिलाने में अल्कोहल की भूमिका के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्कोहल से वाहियात (वोगस) कोई चीज नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2016 के सर्वे में बता दिया है कि शराब के कारण कितनी बीमारियां होती हैं इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट को मानना चाहिए और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ही कोरोना वायरस को महामारी बताया है।
मास्क के प्रयोग को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों की राय है कि स्वस्थ व्यक्तियों को मास्क पहनने की कोई आवश्यकता नहीं है। मास्क उन व्यक्तियों के लिए आवश्यक है जो संक्रमित हैं या संक्रमित व्यक्तियों के उपचार में लगे हुए हैं। यदि मास्क का प्रयोग किया जाता है तो उसके निस्तारण के प्रति भी हमंे सजग रहना पड़ेगा। सामान्यतः एक मास्क का प्रयोग 6-8 घंटे के लिए ही किया जाता है और इस्तेमाल के उपरान्त मास्क को जला देना चाहिये या गहरे भूमिगत गड्ढे में उपयुक्त तरीके से उसका निस्तारण कर दें ताकि अन्य लोग संक्रमित होने से बच सकें। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संक्रमण से रोकथाम एवं इलाज के लिए व्यापक व्यवस्था की गयी है। सभी जिला अस्पतालों एवं चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड के पुख्ता प्रबंध किये गये हैं। पटना के पाटलिपुत्र होटल में भी कोरेंटाइन के लिए आइसोलेशन वार्ड का प्रबंध किया जा रहा है। नोवेल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के ईलाज में होने वाले पूरे खर्च का वहन मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से किया जाएगा। यदि इस रोग से किसी की मृत्यु हो जाती है तो उनके निकटतम आश्रित को मुख्यमंत्री राहत कोष से 4 लाख रूपये की मदद दी जाएगी। शिक्षकों एवं सरकारी कर्मचारियों को इस बीमारी से बचाव के लिये प्रशिक्षण दिया जाएगा। बिहार सरकार इस खतरे के प्रति पूरी तरह से सचेत है और इसके संक्रमण को रोकने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है। कोरोना वायरस से लोगों को डरने की जरूरत नहीं है बल्कि इसके प्रति सजग एवं जागरूक रहने से ही लोग इससे अपना बचाव कर पायेंगे।
चमकी बुखार के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए पुख्ता प्रबंध किया गया है और सरकार पूरी तरह से कॉन्शस है। विगत कुछ वर्षों से यह समस्या देखी जा रही है। पिछले साल स्थिति काफी खराब हो गयी थी, जिसमें देखा गया कि जो लोग अपने मरीज को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे तो वे स्वस्थ हो गयेे। मुजफ्फरपुर के पांच प्रखंड इससे ज्यादा प्रभावित थे, जिनके सोशियो-इकोनाॅमी के सर्वे का काम हो रहा है ताकि लोगों को हर प्रकार से मदद की जा सके। हमलोगों को इसके लिए सजग रहना है। मुजफ्फरपुर इलाके में हेल्थ सेंटर, हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेज में उपयुक्त प्रयास किया जा रहा है और मेडिकल कॉलेज में 100 बेड की व्यवस्था भी की गयी है।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय, जल संसाधन मंत्री संजय झा उपस्थित थे।

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