रायपुर: भाजपा शुरू से ही किसान विरोधी रही है बीजेपी को सिर्फ उद्योगपति नजर आते है किसानों जा दर्द,तकलीफ बीजेपी को मोदी जी को दिखाई नही देता। आज किसान सिंधु बॉर्डर में पिछले 40 दिनों से परिवार सहित कड़कड़ाती ठंड में अपने परिवार सहित बैठे हुए है पर केंद्र की बीजेपी सरकार को कोई फर्क नही पड़ता आज इस आंदोलन में 60 से अधिक किसानों ने अपना बलिदान देदिया।
शहर जिला काँग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डॉ.विकास पाठक ने बताया कि कितने शर्म की बात है कि बीजेपी अपने चंद उद्योगपतियों को फायदा पहुचाने के लिए कृषि प्रधान किसानों के साथ,उनके फसलों के साथ,उनके खेतो के साथ,उनकी मेहनत के साथ खिलवाड़ कर रही है में बीजेपी के तमाम नेताओ से, प्रधानमंत्री मोदी जी से पूछना चाहता हु की आखिर किसानों की बात मानने पर बीजेपी सरकार को परेशानी क्या है बीजेपी को तकलीफ क्यो है।केंद्र शाषित बीजेपी सरकार के इशारे पर किसानों पर आंसू गेस के गोले,लाठी चार्ज करने पर विकास पाठक ने कहा कि यह कहा कि नैतिकता है अन्नदाता किसान जैसे किसान न हो कोई आतंकवादी हो जो इस तरह किसानों पर हमले किये जारहे है। सबसे बड़ी शर्म की बात यह है कि आज किसानों को अपनी मांग को लेकर आंदोलन करते 40 दिन होगये 60 से अधिक किसान अपने जमीन,फसल,मेहनत को बचाने के लिए शहीद होगये उसके बाद भी बीजेपी सरकार को सिर्फ उद्योगपतियों का मुनाफा नुकसान दिखाई दे रहा है।रह
आखिर बीजेपी को किसानों की तकलीफ दिखाई क्यो नही देरहि है केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने किसानों की बात तक नही सुनी और बैठक के पूर्व 60 से अधिक किसानों को श्रंद्धांजलि देने के लिए किसानों ने सरकार से कहा की किसी भी वार्ता के पूर्व शहीद किसानों को श्रंद्धांजलि दी जाए उसके बाद वार्ता शुरू होगी जबकि यही काम केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जी को करनी चाहिए थी कि वो स्वयं खुद खड़े होकर वार्ता के पूर्व शहीद किसानों को श्रंद्धांजलि के लिए कहते आज यह स्पष्ट होगया की किसानों के दर्द को एक किसान ही समझ सकता है कारपोरेट या उद्योगपति नही।
काँग्रेस प्रवक्ता विकास पाठक ने कहा कि मोदी जी को केंद्र सरकार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी से सलाह लेनी चाहिए उनसे समझना चाहिए छत्तीसगढ़ का आज हर किसान खुश है केंद्र सरकार को भी एमएसपी पर भी किसानों के हित मे निर्णय लेना चाहिए न कि किसानों पर बल पूर्वक लाठी चार्ज ओर आंसू गैस के गोले छोड़ने चाहिए किसान शांति पूर्वक, सोई हुई केंद्र सरकार को नींद से जगाने के लिए लगातार 40 दिन से आंदोलन कर रहे है।