ब्रोसर के अनुसार विकास कार्य नहीं कराने की शिकायतों की सुनवाई के बाद रेरा ने पारित किया आदेश
रायपुर, 22 दिसम्बर 2020/ छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने रायपुर जिले के दो रियल एस्टेट प्रमोटरों द्वारा ब्रोशर में विज्ञापित सुविधाओं (रोड कार्य, सिवर लाईन व एच.टी.पी, विद्युत वितरण लाईन, अण्डर ग्राउन्ड टैंक व ट्यूब वेल, गार्डन, चिल्डन प्ले एरिया, मंदिर, बाउंड्रीवाल तथा विद्युतीकरण कार्य) का विकास नहीं करने की शिकायतों की सुनवाई करने के बाद कलेक्टर रायपुर को इन प्रकरणों में दो माह के भीतर छत्तीसगढ़ ग्राम पंचायत (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम, 1999 के नियम-13 अंतर्गत कार्यवाही कर प्राधिकरण को सूचित करने के निर्देश जारी किए हैं। एक प्रकरण में रियल एस्टेट प्रमोटर को संबंधित उपभोक्ताओं से प्रोजेक्ट के विकास हेतु प्राप्त राशि वापस करने का आदेश रेरा ने दिया है। छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) के रजिस्ट्रार से प्राप्त जानकारी के अनुसार रियल एस्टेट सेक्टर का रेग्युलेशन कर इस सेक्टर में पारदर्शिता व दक्षता लाने तथा उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) का गठन किया गया है। प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुत शिकायतों से प्राधिकरण के संज्ञान में यह तथ्य आया है कि प्रमोटर वात्सल्य बिल्डर्स प्रा.लि. डायरेक्टर श्री प्रफुल्ल पुरूषोत्तम राव गड़गे द्वारा ग्राम-सिवनी, तहसील-अभनपुर में वात्सल्य गौरव नामक प्लॉटेट रियल एस्टेट प्रोजेक्ट का विकास करने के लिए वर्ष 2015 में अनुमति प्राप्त की गई है। प्रमोटर ने वर्ष 2011-12 से 2014-15 तक अनेकों उपभोक्ताओं को विवादित प्रोजेक्ट में भूखण्डों को विक्रय किया है। किन्तु प्रमोटर द्वारा आज दिनाँक तक ब्रोशर में विज्ञापित सुविधाओं (रोड कार्य, सिवर लाईन व एच.टी.पी, विद्युत वितरण लाईन, अण्डर ग्राउन्ड टैंक व ट्यूब वेल, गार्डन, चिल्डन प्ले एरिया, मंदिर, बाउंड्रीवाल तथा विद्युतीकरण कार्य) का विकास कार्य नहीं किया गया है। अतः प्राधिकरण ने उक्त प्रोजेक्ट से संबंधित प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुत समस्त शिकायतों में विधिवत् सुनवाई करते हुये सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 23 जुलाई 2019 को रिट प्रकरण क्रमांक 940/2017, ‘‘विक्रम चटर्जी व अन्य विरूद्ध यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य’’ में Stalled प्रोजेक्ट्स के संबंध में जारी निर्देश अनुसार प्रमोटर के विरूद्ध निम्नलिखित आदेश पारित किया है। जिसके अनुसार प्रमोटर, उपभोक्ताओं से प्रोजेक्ट के विकास हेतु प्राप्त राशि वापस करे। प्रमोटर, दो माह के भीतर विवादित भूखण्ड क्रमांक-एफ-14 का रजिस्ट्री बैनामा उपभोक्ता के नाम पर निष्पादित कर, भूखण्ड का आधिपत्य सौंपना सुनिश्चित करे। यदि प्रमोटर द्वारा उक्त भूखण्ड को अन्य व्यक्ति को विक्रय कर दिया गया हो, तो वे समान क्षेत्रफल व स्थिति का अन्य भूखण्ड उपभोक्ता को आबंटित कर विधिक आधिपत्य सौंपना सुनिश्चित करे। रेरा ने कलेक्टर, जिला-रायपुर को निर्देशित किया है कि वह दो माह के भीतर छत्तीसगढ़ ग्राम पंचायत (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम, 1999 के नियम-13 अंतर्गत कार्यवाही कर प्राधिकरण को सूचित करना सुनिश्चित करंे। प्राधिकरण ने इस आदेश की प्रति प्रमुख सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, छत्तीसगढ़ शासन, सचिव, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग तथा विकास अवरूद्ध प्रोजेक्ट के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने हेतु विशेष सचिव, आवास एवं पर्यावरण विभाग छत्तीसगढ़ शासन को भी पृष्ठांकित करने का आदेश किया है। इसी प्रकार प्राधिकरण ने नरदहा, तहसील-आरंग स्थित प्रोजेक्ट सिटी ऑफ वेलेन्सिया, प्रमोटर अबीर बिल्डकॉन डायेरक्टर श्री आफताब सिद्दीकी द्वारा वर्ष 2010-11 से लगभग 691 भूखण्डों का विक्रय कर लगभग रूपये 41 करोड़ प्राप्त करने उपरांत भी ब्रोशर अनुसार किसी सुविधा (रोड, नाली, पेयजल, सिवरेज, विद्युत व्यवस्था, लैण्ड स्केपिंग, डिवाइडर, कम्युनिटी संेटर, बाउंड्रीवाल, मेन गेट तथा गार्ड रूम) का विकास पूर्ण नहीं करने के कारण कलेक्टर, जिला-रायपुर को यह निर्देशित किया है कि वह दो माह के भीतर छत्तीसगढ़ ग्राम पंचायत (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम, 1999 के नियम-13 अंतर्गत कार्यवाही कर प्राधिकरण को सूचित करना सुनिश्चित करंे। प्राधिकरण द्वारा यह निर्णय विकास अवरूद्ध प्रोजेक्ट्स के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट 940 एवं 2017, ‘‘विक्रम चटर्जी व अन्य विरूद्ध यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य’’ में पारित आदेश में दिये गये निर्देश का अनुसरण करते हुये लिया गया है। प्राधिकरण ने इस आदेश की प्रति प्रमुख सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, छत्तीसगढ़ शासन, सचिव, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग तथा विकास अवरूद्ध प्रोजेक्ट के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने हेतु विशेष सचिव, आवास एवं पर्यावरण विभाग छत्तीसगढ़ शासन को भी पृष्ठांकित, प्रेषित करने का आदेश किया है।