रायपुर/18 दिसंबर 2020। कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जो लोग कल तक राम के नाम पर चंदे और वोटों के धंधे का कारोबार करते थे आज माता कौशल्या के जन्म स्थान पर प्रश्न खड़ा करके उनके अस्तित्व को ही नकार रहे हैं।
आज एक समाचार चैनल में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने यह बयान दिया है कि माता कौशल्या का जन्म चंदखुरी में नहीं हुआ था, बहुत संभव है कल को अजय चंद्राकर यह भी दावा कर दें कि प्रभु राम का जन्म अयोध्या में नहीं हुआ था। कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, विष्णु देव साय से यह पूछा है क्या अजय चंद्राकर के उक्त बयान में इन तीनों की सहमति भी शामिल है? माता कौशल्या के जन्म स्थान पर सवाल खड़ा करके भारतीय जनता पार्टी ने दरअसल छत्तीसगढ़ के विद्वान इतिहासकारों की विद्वता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। साथ ही साथ उन्होंने यह भी जाहिर कर दिया है कि माता कौशल्या के प्रति उनके मन में कितनी आस्था है। डॉ रमन सिंह को प्रदेश की जनता को यह जवाब देना चाहिए कि क्या माता कौशल्या के प्रति भाजपा के मन में आस्था नहीं रहने के कारण ही अपने 15 वर्षों के कार्यकाल में उन्होंने चंदखुरी स्थित मंदिर का जीर्णोद्धार नहीं किया? सत्ता जाने के बाद से 15 वर्षों तक कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार में लिप्त रही भारतीय जनता पार्टी के लोग अब मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुके हैं और उनका हिन्दू धर्म विरोधी चेहरा भी सामने आने लगा है। राज्य की भूपेश बघेल सरकार जिस तरीके से छत्तीसगढ़ी संस्कृति परंपरा को स्थापित करने का प्रयास कर रही है और माता कौशल्या के वैभव को पुनर्स्थापित कर उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास कर रही है। इसको देखते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के छाती पर सांप लोट रहा है। अपने आपको हिंदू धर्म का ठेकेदार बताने वाली पार्टी के नेता अब इस बात से विचलित हैं की माता कौशल्या का वैभव अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भूपेश बघेल सरकार स्थापित कर देती है तो फिर छत्तीसगढ़ में भाजपा का धर्म का धंधा और चंदे की दुकान दोनों बंद हो जाएगी। अन्यथा क्या वजह है कि अजय चंद्राकर का यह दिव्यज्ञान पिछले 15 वर्षों में सत्ता के रहते हुए कभी नहीं आया। भूपेश बघेल की सरकार बनने के 2 वर्षों में भी कभी नहीं आया। आज जब राम वन गमन पथ पर 2 ऐतिहासिक रथ यात्रा निकली और प्रदेश की जनता अपने भांजे प्रभु राम की पूजा अर्चना कर उनका आशीर्वाद लेने के लिए सड़कों पर उमड़ पड़ी तब भारतीय जनता पार्टी की बौखलाहट साफ सामने आ गई और अजय चंद्राकर जैसे वरिष्ठ नेता अब माता कौशल्या की जन्म स्थली पर सवाल उठाकर संभवत उनके अस्तित्व को ही नकार रहे हैं। सवाल तो यह भी उठता है कि अगर माता कौशल्या के अस्तित्व पर भाजपा सवाल उठा रही है तो फिर प्रभु राम के अस्तित्व पर सवाल अपने आप खड़े हो जाते हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से यह मांग की है कि माता कौशल्या और प्रभु राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाले भाजपा नेता के खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई करें। भारतीय जनता पार्टी के सभी नेताओं को प्रदेश की जनता से इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।