आरएसएस/भाजपा लगी है किसान आंदोलन को तोड़ने में लगी है- किसान महासंघ
रायपुर 16/12/2020:-केन्द्र सरकार द्वारा लाये गए जन विरोधी कृषि कानून के खिलाफ देशव्यापी किसान आंदोलन जारी है। एक ओर जहाँ पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान , दिल्ली के सीमाओं पर लाखो किसान डटे हुए हैं जिन्हें सरकार दिल्ली नहीं आने दे रही है। दिल्ली के आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में छत्तीसगढ़ के किसान “छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ” के बैनर तले धरना स्थल बूढ़ा तालाब रायपुर में 14 दिसम्बर से क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं। क्रमिक भूख हड़ताल के तीसरे दिन अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के राज्य सचिव तथा छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही, किसान सभा के सदस्यगण ललितकुमार, कु.धनेशवरी, जहुर राम एवम संतोष साहू भूख हड़ताल में रहे।
इस अवसर पर तेजराम विद्रोही ने कहा कि केन्द्र सरकार की कॉरपोरेट परस्त व किसान,कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी नीतियों को तथा सरकार की जुमलेबाजी को किसान समझकर सड़क पर उतरकर, विरोध कर रहे हैं तो इसे विपक्षी पार्टियों का राजनीतिक साजिश बताकर या फिर किसानों को भ्रमित बताकर केंद्र सरकार किसानों की मुख्य चिंताओं से मुँह फेर रही है। यहाँ तक कि आंदोलनकारी किसानों, किसान संगठनों को खालिस्तानी, टुकड़े, टुकड़े गैंग, कुकुरमुत्ते की तरह उग आए किसान संगठन आदि न जाने क्या क्या नाम देकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा बदनाम कर शांतिपूर्ण किसान आंदोलन को तोड़ने का कोशिश कर रहे हैं।
साथी ललित कुमार ने कहा कि भाजपा आरएसएस जो स्वयं देश की सार्वजनिक संपत्ति को एक एक कर कॉरपोरेट घरानों को बेच रहे हैं। अपने खिलाफ विरोध के आवाज को दबाने के लिए टुकड़े टुकड़े गैंग कहकर बदनाम कर दो यही उनकी नीति है। कृषि कानून के संबंध में विधेयक लाने के समय से ही देश के किसान इसका विरोध कर रहे हैं लेकिन कॉरपोरेट हितैषी मोदी सरकार इसे हल्के में लिया जिसके परिणामस्वरूप आज देश भर के किसान सड़कों पर उतरने मजबूर हो रहे हैं।
क्रमिक भूख हड़ताल के अवसर पर हो रही सभा को आदिवासी भारत सभा के सौरा यादव, ललित कुमार, किसान भुगतान संघर्ष समिति के जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर महासमुंद, अखिल भारतीय खेत किसान सभा के विश्वजीत हारोडे, छत्तीसगढ़ कृषक बिरादरी के डॉ संकेत ठाकुर, आदि ने संबोधित किया।
आज भी अनेक संगठनों ने किसानों के अनशन को दिया समर्थन
आज भी रायपुर के अनेक सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के प्रबुध्द नागरिकों ने धरनास्थल पर आकर अपना सक्रिय समर्थन दिया । सांस्कृतिक संस्था “नाचा” के प्रमुख निसार अली ने क्रांतिकारी गीत पेश किया और किसानों की भूख हड़ताल का समर्थन किया ।
किसान भुगतान समिति बागबाहरा के नेतराम पटेल, सेवक निषाद, फाइट फ़ॉर राइट के अनिल बघेल, स्पार्क रायपुर के उमाप्रकाश ओझा, छत्तीसगढ़ सिख समाज के मनमोहन सिंह सैलानी, प्रयास के अधीर भगवनानी, लीड फाउंडेशन के पवन सक्सेना सहित अनेक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने किसानों के आंदोलन के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया ।
नागालैंड में कार्यरत युवा कार्यकर्ता पहुंची धरना स्थल
आज नागालैंड के दीमापुर में कार्यरत एक्सोटिक इको संस्था की युवा कार्यकर्ता अन्वी वसुंधरा विशेष रूप से अन्नदाता किसानों के दुख दर्द में शामिल होने धरनास्थल पहुंची और अपने विचारों से उपस्थित जनों को अवगत कराया । आज महिला साथियों सीमा ,पूजा शर्मा आदि ने काले कानून की वापसी की मांग को लेकर जमकर नारे लगाए ।